कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्यप्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग से जुड़ा एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। एमपी एसटीएफ ने फर्जी डी.एड. मार्कशीट के जरिये शासकीय शिक्षक की नौकरी पाने वाले शिक्षकों और इस फर्जीवाड़े में शामिल अज्ञात संगठित गिरोह के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
एमपी के अलग जिलों में फर्जी डी.एड. की मार्कशीट से सरकारी शिक्षक पद हासिल करने वालों के खिलाफ एसटीएफ ने शिकंजा कस दिया है। एसटीएफ इकाई ग्वालियर को RTI एक्टिविस्ट गौरीशंकर राजपूत की ओर से शिकायत मिली थी कि कई जिलों में कुछ व्यक्ति डी.एड. के फर्जी दस्तावेजों के आधार पर शिक्षक की नौकरी कर रहे हैं। शिकायत और दिए गए तथ्यो की पुष्टि के बाद एसटीएफ ने गोपनीय सत्यापन कराया। जांच में पाया गया कि जिन डी.एड. की अंकसूचियों के आधार पर भर्ती हुई, वे अंकसूचियां शिक्षा मंडल से जारी ही नहीं थीं या किसी अन्य व्यक्ति को जारी की गई थीं। एसटीएफ ने इस आधार पर 8 नामजद शिक्षकों के खिलाफ आरोप सिद्ध होने पर एफआईआर दर्ज की है जिनके नाम…
- गंधर्व सिंह रावत पुत्र संतोष सिंह रावत, शिक्षक
- साहब सिंह कुशवाह पुत्र खेमराज, शिक्षक
- बृजेश रोरिया पुत्र भान सिंह रोरिया, शिक्षक
- महेंद्र सिंह रावत पुत्र लक्ष्मण सिंह रावत, शिक्षक
- लोकेंद्र सिंह पुत्र जगन्नाथ सिंह, शिक्षक
- रूबी कुशवाह पुत्री शिव कुमार, शिक्षक
- रविंद्र सिंह राणा पुत्र उदयभान सिंह, शिक्षक
- अर्जुन सिंह चौहान पुत्र बुलाखी सिंह चौहान, शिक्षक
सरकारी शिक्षक की नौकरी पाने के लिए फर्जी अंकसूची बनाने और सत्यापन रिपोर्ट तक में हेराफेरी का खुलासा हुआ है। एसटीएफ की प्रारंभिक जांच में कुल 34 संदिग्धों के नाम सामने आए हैं जिसमें से 8 पर एफआईआर दर्ज की जा चुकी है और 26 अन्य की जांच जारी है। DSP प्रवीण बघेल का कहना है कि गोपनीय सत्यापन में पाया गया कि कई शिक्षकों ने फर्जी डी.एड. मार्कशीट के आधार पर नौकरी पाई है। संगठित गिरोह की भूमिका की भी जांच की जा रही है, नौकरी हासिल करने से पहले वेरिफिकेशन में भी फर्जीवाड़ा महसूस हुआ है क्योंकि यदि वेरिफिकेशन में ही फर्जी अंकसूची पकड़ ली जाती तो यह सरकारी नौकरी हासिल नहीं कर पाते।
ये भी पढ़ें: मऊगंज शिक्षा विभाग में 35 लाख का आरओ घोटाला! बिना बिजली के स्कूलों में फर्जी आरओ, विभागीय मिलीभगत से सरकारी धन की खुली लूट
बहरहाल फर्जी मार्कशीट से सरकारी शिक्षक बनने का ये खेल अब एसटीएफ के निशाने पर है। फर्जी कूटरचित डी.एड. अंकसूची से शासकीय शिक्षक पद प्राप्त करने वाले ये शासकीय शिक्षक वर्तमान में मुरैना, शिवपुरी, ग्वालियर, इंदौर आदि जिलों में कार्यरत हैं। ऐसे में एसटीएफ की पांच सदस्यीय विशेष टीम पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है। जांच के बाद कई और महत्वपूर्ण खुलासे हो सकते है।
Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें


