अमृतांशी जोशी,भोपाल। मध्य प्रदेश के भोपाल (BHOPAL) में विद्याभारती का सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर ‘सुघोष दर्शन’ कार्यक्रम (Sughosh Darshan Program) का आयोजन किया गया. राजधानी के ओल्ड कैंपियन क्रिकेट मैदान में आयोजित कार्यक्रम में 75 घोष इकाइयों के 1500 छात्र-छात्राओं ने घोष वादन की प्रस्तुति दी. घोष वादन करते हुए विद्यार्थियों ने ॐ, स्वास्तिक चिन्ह सहित सुघोष दर्शन की आकृति बनाई. घोष दल का सामूहिक प्रदर्शन भोपाल नगर में पहली बार हुआ है. जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए. सीएम शिवराज ने कहा कि ऐसे लोग, जो महापुरुषों का अपमान करते हैं, उनको सहन नहीं किया जाएगा. मध्यप्रदेश में इन ग्रंथों की शिक्षा देकर हम नैतिक शिक्षा बच्चों को देंगे.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj) ने अपने संबोधन में कहा कि ये केवल सुघोष नहीं सुदर्शन भी था. नेताजी ने विदेशों में जाकर आज़ाद हिन्द फ़ौज बनाई. नेताजी के चरणों में प्रणाम है. विद्या भारती अपने प्रारंभ काल से ही शिक्षा को देने का काम कर रहे हैं. विद्या भारती से निकले हुए विद्यार्थी कर्मठ और परिश्रमी होते है. ये बॉर्डर पर दुश्मन के दांत भी खट्टे कर देते हैं. कैसे सरकारी शिक्षा दी जाए इसके लिए हम विद्या भारती से संपर्क करते है. एक गलत काम ने अंग्रेज़ी को स्थापित कर दिया गया था.

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उन्होंने कहा कि जगह-जगह इंग्लिश स्कूल खुल गए. भाषा और बुद्धिमतत्ता का कोई संबंध नहीं होता है. सही ज्ञान का प्रकटीकरण अपनी भाषा में होता है. नई शिक्षा नीति में तय हुआ है मातृभाषा में शिक्षा दी जाएगी. सीएम शिवराज ने नेहरू परिवार पर हमला बोलते हुए कहा कि आज़ादी की लड़ाई में केवल एक ही परिवार के बारे में बताया गया. हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में कुछ भी नहीं पढ़ाया गया.

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राम के बिना इस देश को पहचाना जा सकता है क्या ? राम हमारे रोम रोम में बसे हैं. हर चीज़ में हमें राम याद आते है. हमारे अमूल्य ग्रंथों में मनुष्य को नैतिक बनाने की क्रिया है. सीएम शिवराज ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि हम हमारे धार्मिक ग्रंथों की शिक्षा हम शासकीय विद्यालयों में भी देंगे. ऐसे पवित्र ग्रंथों की शिक्षा देकर हम हमारे बच्चों को सचिव और नैतिक राह पर लेकर जाएंगे. महाभारत गीता रामायण पढ़ायेंगे. ऐसे लोग, जो महापुरुषों का अपमान करते हैं, उनको सहन नहीं किया जाएगा. मध्यप्रदेश में इन ग्रंथों की शिक्षा देकर हम नैतिक शिक्षा बच्चों को देंगे.

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