मनोज उपाध्याय,मुरैना। मध्य प्रदेश के मुरैना जिले (Morena) में आज शनिवार को लड़ाकू विमान सुखोई-30 और मिराज-2000 के आपस में टकराने से दोनों प्लेन क्रैश (Sukhoi and Miraj aircraft crash) हो गए. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आसमान में दो विमानों की टक्कर हुई और आग लग गई. देखते ही देखते विमान आग का गोला बनकर नीचे गिर गया. उसमें से एक शव क्षत-विक्षत बाहर गिरा. जब पैराशूट से नीचे आ रहे दो पायलट के पहुंचा, तब उन्होंने पानी मांगा और उसने तुरंत पानी लाकर पिलाया.
एक पायलट की मौत, 2 घायल
इस हादसे में मिराज के पायलट विंग कमांडर हनुमंथ राव सारथी की मौत हो गई, जो कि कर्नाटक के निवासी थे. जबकि दो पायलट जख्मी है. हादसे के बाद देखा गया कि पायलट के शरीर के उड़े चिथड़े उड़ गए हैं. उसका एक हाथ कटकर अलग पड़ा हुआ है. जंगल के चारों ओर विमान का मलबा बिखरा पड़ा है. यह दृश्य देखकर हर किसी की आंखें नम हो गई.
दो विमान आसमान में टकराए, फिर जमीन में गिर गए
पहाड़गढ़ से 5 किलोमीटर दूर जंगलों में सुखोई और मिराज विमान आपस में टकरा गए. यह दृश्य एक गांव के रहने वाले प्रत्यक्षदर्शी ने देखा. उसने बताया कि मैं सड़क से गुजर रहा था, तभी उड़ते हुए दो विमान आसमान में आए और आपस में टकरा गए. जैसे ही आपस में टकराए तो आग लग गई. मुझे लगा कि यह मेरे ऊपर गिरने वाले हैं. मैं उनको देखकर भागा. जैसे ही मैंने देखा विमान का अगला हिस्सा रोड पर गिरा, एक व्यक्ति का शरीर क्षत-विक्षत अवस्था में मिला.
पायलट को पिलाया पानी
उसने बताया कि विमान का आधा हिस्सा 300 मीटर दूर जंगलों में गिर गया. आग की लपटें निकलने लगी. आसमान से मैंने देखा कि जो लोग पैराशूट के माध्यम से नीचे की तरफ आ रहे हैं. मैं उनके पास भागकर पहुंचा. उन दोनों ने पीने के लिए पानी मांगा. मैं भागकर टैंकर से पानी लेकर आया और उनको पिलाया. इतने में गांव से और कुछ लोग आ गए. दोनों पायलट पैराशूट के साथ झाड़ियों में फंसे हुए थे, जिन्हें लोगों ने बाहर निकाला. 10 मिनट बाद पुलिस भी मौके पर पहुंच गई.
रामदेव बाबा के चरण स्थान के सामने क्रैश हुआ विमान
बता दें कि दुर्घटना के दौरान सुखोई 30 में दो पायलट थे. जबकि मिराज 2000 में एक पायलट था. यह विमान हादसा मुरैना जिले के पहाड़गढ़ के रामदेव बाबा के चरण स्थान के सामने मिराज और सुखोई क्रैश हुआ है. पहाड़गढ़ क्षेत्र के लोगों ने जंगल में तेज आवाज सुनी, जब वे मौके पर पहुंचे तो विमान का मलबा पड़ा था और उसमें आग लगी हुई थी. हादसे की खबर मिलते ही प्रशासन मौके पर पहुंच गया.
धमाके से जमीन में हुआ गड्ढा
ग्रामीणों ने बताया कि दोनों विमान आसमान में ही आपस में टकरा गए थे. उसी वक्त दोनों विमानों में आग लग चुकी थी और देखते ही देखते जलते हुए आग के गोले जैसा दिखने वाला फाइटर जेट जमीन पर आ गिरा. घटना स्थल के नजदीक रेलवे स्टेशन भी बताया जा रहा है. हालांकि पायलेट्स की सूझबूझ से दुर्घटनाग्रस्त फाइटर रिहायशी इलाके से कुछ दूरी पर गिरा. ग्रामीणों ने बताया कि फाइटर प्लेन जैसे ही जमीन पर गिरा एक बड़े धमाके के साथ जमीन में गड्ढा हो गया.
ग्वालियर एयरबेस से भरी थी उड़ान
मध्य प्रदेश के ग्वालियर एयरबेस से वायु सेना के सुखोई-30 और मिराज 2000 विमान ने अभ्यास के लिए उड़ान भरी थी. मुरैना के पहाड़गढ़ में पहुंचते ही दोनों विमान आपस में टकरा गए. जिससे वायु सेना के दोनों विमान क्रैश हो गए. रेगुलर अभ्यास के लिए विमानों ने उड़ान भरी थी. इस हादसे पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई सेना के अधिकारी नजर बनाए हुए हैं. महाराजपुरा एयरफोर्स स्टेशन पर सीनियर अधिकारियों की बैठक चल रही है. वायु सेना के अधिकारी हादसे की घटना पर मंथन कर रहे हैं. एयरफोर्स ने घटना को लेकर कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश जारी किए हैं.
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