अजयारविंद नामदेव, शहडोल/ समीर शेख, बडवानी। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में नेशनल हाइवे केवल इंसानों के लिए ही नहीं बल्कि बेजुबान जंगली जानवरों के लिए भी काल बन गया है। दरअसल, शहडोल जिले (Shahdol) में अज्ञात वाहन की टक्कर से तीन बंदरों (Monkey) की मौत (Death) हो गई। इधर बड़वानी जिले (Barwani) में डॉग (Dog) की एक्सीडेंट होने के कारण मौत हो गई। जिसके बाद परिजनों ने बैंड बाजे के साथ विधिवत तरीके से अंतिम संस्कार किया।
तीन बंदरों की मौत
कटनी (Katni) से शहडोल होकर गुमला पहुंच नेशनल हाईवे 43 (National Highway 43) में इंसानों के साथ-साथ जंगली जानवरों के लिए खतरा बना हुआ है। इस हाइवे में रोजाना सड़क हादसे (Road Accident) में किसी न किसी की मौत हो रही है। इसी बीच जिले के अमलाई (Amlai) बटुरा ग्राम के समीप हाइवे में किसी अज्ञात वाहन ने तीन बंदरो को कुचल दिया, जिससे उनकी मौत हो गई। इसमें एक नर, एक मादा और बच्चा बंदर की मौत हो गई।
बंदरों की मौत के बाद एक अन्य बंदर शव के नजदीक ही रोता नजर आया। उसे बंदर की मौत का यकीन नहीं हुआ तो बार-बार उस बच्चे बंदर को जगाने का प्रयास भी करता रहा। इस नजारे को देख वहां मौजूद लोग भावुक हो गए और उनकी आंखे नम हो गई।
शहडोल जिले के वन परिक्षेत्र केशवाही के ग्राम बटुरा नेशनल हाईवे में चार बंदरों का समूह गांव में विचरण कर रहा था। जैसे ही बंदरों ने नेशनल हाईवे पार किया तो किसी अज्ञात वाहन की चपेट में आ गए। जिससे तीन बंदर की मौत हो गई। वहीं बंदरों की मौत की सूचना वन परिक्षेत्र केशवाही रेंजर नरेंद्र रवि को दी गई। जानकारी लगते ही वन अमला मौके पर पहुंचकर बंदरों के शवों को कब्जे में लेकर आगे की कार्रवाई की है।
बेजुबान रिश्ता
बड़वानी जिले के ठीकरी के बरू फाटक (Baruphatak) में मित्तल परिवार के डॉग की एक्सीडेंट (Accident) में मौत हो गई। मित्तल परिवार में ब्रूनो की मौत के बाद से ही मातम सा छा गया। दरअसल, कल शाम किसी अज्ञात बाइक सवार ने ब्रूनो को टक्कर मार दी थी, जिसके बाद इलाज के दौरान आज ब्रूनो की मौत हो गई। परिवार ने विधिवत तरीके से अंतिम संस्कार (Funeral) किया। ब्रूनो के शव को बकायदा फूलों से सजाकर बाजे गाजे के साथ शव यात्रा को निकाला गया। जिसमें मित्तल परिवार सहित गांव के लोग भी शामिल हुए।
परिवार ने बताया कि ब्रूनो एक माह का था जब परिवार में लाया गया और वह आज 5 वर्ष का हो चुका था। उसकी मृत्यु हो जाने से मातम छा गया है। परिवार के राघव मित्तल का कहना है कि कल मुझे इंदौर (Indore) जाना था, लेकिन ब्रूनो ने मेरे पैर पकड़ लिये और जाने नहीं दिया। जिसके चलते राघव मित्तल ने इंदौर जाने का प्लान कैंसिल (Cancel) कर दिया। इसके बाद ब्रूनो की एक्सीडेंट में मौत हो गई। राघव मित्तल ने कहा कि मेरे परिवार पर कोई मुसीबत आने वाली थी, जो ब्रूनो ने खुद पर ले ली और अपनी जान गवा दी। परिवार का कहना है कि हर छोटे-मोटे त्योहारों में हर खुशी में ब्रूनो हमारे परिवार का एक हिस्सा था, उसकी कमी हमेशा महसूस की जाएगी।
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