राकेश चतुर्वेदी,भोपाल। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित ज्ञानवापी की तरह मध्यप्रदेश के भोपाल स्थित जामा मस्जिद का विवाद भी बढ़ता जा रहा है. जामा मस्जिद का भी सर्वे कराए जाने को लेकर मांग उठ रही है. जिसके बाद भोपाल की जामा मस्जिद का भी सरकार सर्वे कराएगी. जामा मस्जिद में ‘शिव मंदिर’ होने का दावा किया जा रहा है.

मप्र की पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर ने कहा कि भारत लोकतांत्रिक देश है. इस तरह के कोई तथ्य बताए जा रहे हैं तो सर्वे होगा. सर्वे में जो निकल कर सामने आएगा, उसे मान्य किया जाएगा. हमारे पास मांग आएगी, तो सर्वे कराएंगे. ऐसे में माना जा रहा है कि भोपाल की जामा मस्जिद का भी सरकार सर्वे करा सकती है.

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दावा किया जा रहा है कि भोपाल जामा मस्जिद को मंदिर तोड़कर मनाया गया है. पुरातत्व विभाग ने सर्वे किया तो दूध का दूध और पानी पानी हो जाएगा. उत्तर प्रदेश की ज्ञानवापी मस्जिद में भगवान शिव का शिवलिंग मिला है. इसी तरह पुराने शहर के चौक बाजार की जामा मस्जिद में भी मूर्तियां मिलेंगी. जामा मस्जिद का निर्माण 1857 में हुआ था. पुराने मंदिर को तोड़कर मस्जिद का निर्माण किया गया था.

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उस वक्त इसकी कीमत पांच लाख रुपए आई थी. नौ मीटर चौकोर ऊंचे स्थान पर बनी इस मस्जिद के चारों कोनों पर हुर्रे हैं. इसमें तीन दिशाओं से प्रवेश द्वार हैं. अंदर एक आंगन है. पूर्वी और उत्तरी द्वार के बीच हौज स्तंभों पर आधारित है. स्तंभों की संरचना इस तरह की है, जो भवन को दो समांतर भागों में बांटती है. पांच मंजिला इमारत में मीनारें हैं.

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