कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। सुर सम्राट कहे जाने वाले तानसेन की याद में ग्वालियर में आज से तानसेन समारोह का आगाज हो गया है। जो कि 23 दिसंबर तक चलेगा। परम्परागत तरीके से शुरू हुए इस समारोह में सबसे पहले समाधि स्थल पर हरिकथा और मिलाद का आयोजन किया गया। इसके बाद शाम को मशहूर बांसुरी वादक पं. नित्यानंद हल्दीकर को “तानसेन अलंकरण” और मुंबई की सामवेद सोसाइटी को “राजा मानसिंह तोमर राष्ट्रीय सम्मान” दिया जाएगा।

विश्व संगीत समागम तानसेन समारोह 2022 की महफिल सज चुकी है। हर कोई बस तानसेन समाधि पर उनके ही रंग में डूबा नजर आने लगा है। चाहे फिर हिंदू हो या मुस्लिम सब कोई अपने-अपने तरीके से उन्हे श्रद्धांजलि देने की कोशिश में लग गए है। सबसे पहले ढ़ोली बुआ महाराज और उनके शिष्यों ने तानसेन की समाधि पर हरिकथा सुना कर स्वरांजलि दी। तो वहीं मुस्लिम समाज की ओर से उनके लिए मिलाद शरीफ का आयोजन किया गया। ऐसे में रासिकों के पहुंचने का भी सिलसिला शुरू हो गया है।

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तानसेन समारोह को लेकर दूर-दराज से लोगों के पहुंचने का सिलसिला भी जारी है। कुछ रसिक प्रेमी तो ऐसे भी है जो बचपन से ही तानसेन समारोह को देखने और सुनने आ रहे है। खास बात यह है कि इस बार देश के कलाकारों के साथ कुछ तानसेन प्रेमी भी समारोह में अपनी प्रस्तुति देंगे। जिसको लेकर संगीत रासिक उत्साहित है। उनके मुताबिक तानसेन समारोह में गंगा जमुना तहजीब दिखाई देती है।

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अंतर्राष्ट्रीय तानसेन समारोह की शुरुआत सिंधिया रियासत के तत्तकालीन महाराज माधवराव सिंधिया ने 1924 में की थी। जिसके बाद से लगातार इस समारोह को मनाया जा रहा है। पांच दिनों तक चलने वाले इस समारोह में देश-विदेश की कलाकार शिरकत करते थे। अब तानसेन समारोह को मध्य प्रदेश ने अपने जिम्मे लिया। आज के मुख्य कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर, केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर शिरकत करेंगे।

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