नासिर बेलिम,उज्जैन। मध्यप्रदेश के उज्जैन से दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है. माधव नगर थाना क्षेत्र में चाइना डोर (मांझा) से एक युवती का 80 प्रतिशत गला कट गया. जिससे तड़प-तड़प कर युवती की जान चली गई. दरअसल माधव नगर थाना क्षेत्र के पाटीदार ब्रिज पर 2 लड़कियां एक्टिवा में सवार होकर जा रही थी. इसी उसी दौरान पतंग की चाइना डोर से युवती का गला कट गया है. जिसे आनन-फानन में राहगीरों की मदद से पाटीदार अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई है. आखिर मौत का जिम्मेदार कौन है ?

गला कटने से 20 साल की नेहा की मौत

एडिशनल एसपी अमरेंद्र सिंह ने अनुसार मृतक युवती की पहचान नेहा अंजना (20 वर्ष) निवासी ग्राम जगोटी के रूप में हुई है. नेता अपनी बहन के साथ एक्टिवा पर सवार होकर इंदिरा नगर से फ्रीगंज जा रही थी. तभी पाटीदार ब्रिज पर चाइना डोर से उसका गला कट गया. जिसे राहगीरों ने नजदीकी अस्पताल पाटीदार में भर्ती कराया था. जहां उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई है. गल इतना ज्यादा कट चुका था कि डॉक्टर भी उसकी जान नहीं बचा सके.

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पुलिस-प्रशासन पर उठ रहे सवाल

घटना की सूचना के बाद एडिशनल एसपी अमरेंद्र सिंह भी पहुंचे. मामले में जांच कर रहे हैं. लगातार प्रतिबंध के बावजूद शहर में बिक रही चाइना डोर पर कहीं ना कहीं पुलिस और प्रशासन की कार्यशैली पर उंगलियां उठा रही है. हालांकि उज्जैन के दो ही थाना क्षेत्रों में चाइना डोर की जब्ती की कार्रवाई हुई है. बाकी तो केवल पुलिस ने दिखावा किया है.

मामा के घर रहकर पढ़ाई कर रही थी

बताया जा रहा है कि नेहा अंजना उज्जैन में अपने मामा के घर में रहकर पढ़ाई कर रही थी. आज दोपहर को वह अपनी अपने मामा की बेटी यानी अपनी बहन के साथ एक्टिवा से फ्रीगंज होते हुए अपने काम से कहीं जा रही थी. इस दौरान जीरो प्वाइंट ब्रिज पर नेहा पतंग के चाइना डोर की चपेट में आ गई. जिससे उसका गला बुरी तरह से कट गया. अब उसकी जान चली गई है.

आखिर मौत का जिम्मेदार कौन है ?

आखिर मौत का जिम्मेदार कौन है ? सरकार ने चाइना मांझा पर प्रतिबंध लगा रखा है. बावजूद इसके बाजारों में धड़ल्ले से बिक रही है. पुलिस प्रशासन इस पर लगाम क्यों नहीं लगा रही है. प्रशासन को हादसे का ही इंतजार रहता है. जिसके बाद कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति की जाती है. यदि मकर संक्रांति पर समय रहते चाइना डोर की जांच की जाए, हादसे न हो. लेकिन सरकार, पुलिस और प्रशासन को मौत का ही इंतजार होता है ? बता दें कि मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाने के लिए बड़ी संख्या में खुलेआम चाइना डोर का इस्तेमाल किया जा रहा है. हर साल इसके चलते कई हादसे होते हैं. पक्षियों की भी बड़ी संख्या में मौत होती है.

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