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उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में आज तड़के भस्म आरती के दौरान 3 बजे मंदिर के कपाट खोले गए। बाबा महाकाल का जल से अभिषेक करने के बाद दूध, दही, घी, शक्कर, शहद और फलों के रस से बने पंचामृत पूजन किया गया। भगवान महाकाल का भांग चन्दन ड्रायफ्रूट से राजा स्वरूप दिव्य श्रृंगार किया गया।
बाबा महाकाल श्रृगार के बाद भस्म अर्पित की गई। रजत का त्रिपुण्ड, त्रिशूल और चंद्र अर्पित कर शेषनाग का रजत मुकुट रजत की मुण्डमाल और रुद्राक्ष की माला के साथ सुगंधित पुष्प से बनी फूलों की माला धारण की। फल और मिष्ठान का भोग लगाया। बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया।
बता दें कि महाकालेश्वर मंदिर भारत के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थित है। महाकालेश्वर भगवान का प्रमुख मंदिर है। पुराणों, महाभारत और कालिदास जैसे महाकवियों की रचनाओं में इस मंदिर का मनोहर वर्णन मिलता है। स्वयंभू, भव्य और दक्षिणमुखी होने के कारण महाकालेश्वर महादेव की अत्यन्त पुण्यदायी महत्ता है। ऐसी मान्यता है कि इसके दर्शन मात्र से ही मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है।
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