प्रदीप मालवीय, उज्जैन। बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक उज्जैन (Ujjain) के महाकाल मंदिर (Mahakal Temple) में शिव नवरात्रि (Shiv Navratri) के छठवें दिन भगवान शिव का मन महेश स्वरूप में श्रृंगार किया गया। इस दौरान हल्दी-मेहंदी की रश्म निभाई गई। बाबा महाकाल (Baba Mahakal) के मन महेश स्वरूप के हजारों श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। वहीं महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि (Maha Shivratri) की तैयारियां जोरों पर है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh) ने महाशिवरात्रि पर्व को दीप उत्सव (Deep Utsav) के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। शिव ज्योति अर्पणम के तहत 21 लाख दीपक लगाए जाएंगे। मोक्षदायिनी क्षिप्रा नदी (Shipra River) पर दीपक जलाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड (World Record) बनाया जाएगा।

छठवें दिन मन महेश श्रृंगार

महाकाल मंदिर मंदिर में इन दिनों शिव नवरात्र का पर्व चल रहा है। जिसमें रोजाना बाबा महाकाल का अलग-अलग स्वरूपों में श्रृंगार किया जा रहा है। यह परंपरा सिर्फ महाकाल मंदिर में निभाई जाती है। इसी के चलते आज छठवें दिन भगवान महाकाल का मन महेश स्वरूप में श्रृंगार किया गया। इसके पहले भगवान को हल्दी और चंदन का उपटन लगाया गया। वही मंदिर प्रांगण में महिलाओं ने मेहंदी की रस्म निभा कर मंगल गीत गाए और नाचते हुए विवाह की खुशियां मनाई।

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महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि की तैयारी

धार्मिक नगरी उज्जैन में 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक ज्योतिर्लिंग श्री महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि पर की तैयारियां जोर-शोर से की जा रही है। सीएम शिवराज सिंह ने महाशिवरात्रि पर्व को दीप उत्सव के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। जिसको साकार करने के लिए जिला प्रशासन की टीम के साथ उज्जैन नगर निगम, स्मार्ट सिटी की टीम तत्परता से लगी हुई है। लाखों दीपक को धोकर जमाया जा रहा है। साथ ही पूरे नगर को दुल्हन की तरह सजाए जाने की तैयारियां प्रारंभ हो गई है।

18 फरवरी को उज्जैन में महाशिवरात्रि पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाएगा। मोक्षदायिनी क्षिप्रा नदी पर 21 लाख दीपक जलाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया जाएगा। इसके पूर्व उज्जैन में क्षिप्रा नदी के तट पर 1500000 दीपक लगाए गए थे। अब इसी रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए 2100000 दीपक लगाए जाएंगे, जिसे लेकर नगर निगम ने दीप उत्सव में दीपक लगवाने की तैयारियां कर रहा है।

क्षिप्रा नदी के घाटों को 6 ब्लॉक में बांटा

दीप प्रज्वलन के लिए क्षिप्रा नदी के घाटों को 6 ब्लॉक में बांटा गया है। इसमें ए ब्लॉक में केदारेश्वर घाट, बी ब्लॉक सुनहरी घाट, सी ब्लॉक दत्त अखाड़ा, डी ब्लॉक रामघाट और ई ब्लॉक भूखी माता घाट पर दीप लगाए जाएंगे। इन घाट पर करीब 9350 ब्लॉक बनाए जा रहे है। प्रत्येक ब्लॉक में 225 दीपक रखे जाएंगे। इसके लिए यहां 16 फरवरी से दीपक रखना शुरू होंगे। 18 फरवरी की सुबह दीपक में तेल और बाती डाली जाएगी। इस कार्य में 20 हजार वालियंटर्स दीप लगाने का काम करेंगे। एक ब्लॉक में 2 लोग दीप प्रज्वलित करेंगे। महाशिवरात्रि को शाम 7 बजे क्षिप्रा के दोनों ओर यह दीप जगमगायेंगे और महाशिवरात्रि पर उज्जैन में दीपवाली मनाई जाएगी। क्षिप्रा नदी के साथ ही महाकाल मंदिर परिसर और शहर के प्रमुख मंदिरों पर भी दीपक लगाए जाएंगे। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था के साथ ही साफ-सफाई के भी तगड़े इंतजाम किए जा रहे है।

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ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में इन दिनों गर्भगृह की रजत मंडित दीवार की सफाई की जा रही है। एक-दो दिन में कोटितीर्थ कुंड को संवारने का काम शुरू होगा। कार्तिकेय मंडपम में नया द्वार बनाने का काम भी प्रगति पर है। साथ ही महाकाल मंदिर के शिखर को धोने का काम भी शुरू हो चुका है। दीवार की चांदी के साथ, ज्योतिर्लिंग महाकाल की चांदी से निर्मित जलाधारी, बाहर नंदीजी की चांदी निर्मित मूर्ति आदि को भी चमकाया जा रहा है। इसी प्रकार कोटितीर्थ कुंड की सीढ़ियों से काई हटाने का काम शुरू हो गया है। जल्द ही कुंड को खाली कर अंदर की सफाई की जाएगी। मंदिर के शिखर की साफ सफाई व धुलाई भी कराई जाएगी।

मंदिर समिति बना रही आपातकालीन द्वार

महाकाल लोक के उद्घाटन के बाद नव वर्ष पर तकरीबन 6 से 7 लाख लोगों ने बाबा महाकाल के दर्शन किए थे। इसको देखते हुए महाश‍िवरात्रि पर सिंहस्‍थ जैसे प्रबंध किए जा रहे है जिससे भक्तों को कम से कम समय में दर्शन हो सके। महाकाल मंदिर में प्रवेश के अनेक रास्ते है, लेकिन निर्गम के लिए द्वारों की कमी है। मंदिर समिति अब स्मार्ट सिटी के माध्यम से नया आपातकालीन द्वार बनवा रही है। करीब 20 करोड़ 19 लाख रुपये की लागत से बनने वाला आपातकालीन द्वार पुराने आपातकालीन द्वार के समीप है। नया द्वार बन जाने के बाद दर्शनार्थियों को मंदिर से बाहर निकालने में काफी सुविधा होगी। बताया जा रहा है कि नया द्वार एक टनल के रूप में बनाया जा रहा है। इसके लिए परिसर में खुदाई का काम जारी है।

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महाशिवरात्रि पर पहुंचेंगे 10 लाख से अधिक श्रद्धालु

18 फरवरी को महाशिवरात्रि पर्व पर देश भर से 10 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के महाकाल दर्शन के लिए पहुंचने का अनुमान लगाकर प्रशासन और पुलिस द्वारा सुरक्षा व्यवस्था की रूपरेखा तैयार की जा रही है। इसके लिये पुलिस विभाग द्वारा 8 एएसपी, 25 डीएसपी और 45 टीआई स्तर के अधिकारियों की ड्यूटी लगाई जा रही है। एएसपी सत्येन्द्र कुमार शुक्ला ने बताया कि शिवरात्रि महापर्व के अवसर पर 10 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के महाकालेश्वर दर्शनों को पहुंचने का अनुमान है। इसके मद्देनजर व्यवस्थाओं को अलग-अलग हिस्सों में बांटा गया है, जिसमें ट्रैफिक, रूट, मंदिर दर्शन, आकस्मिक सुविधा, संचार और सीसीटीवी व्यवस्था को शामिल किया गया है।

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