अजय नीमा, उज्जैन। मध्यप्रदेश ( Madhya Pradesh) में जहां एक ओर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) लगातार पेड़ लगाने की बात करते हैं, तो वहीं दूसरी ओर लकड़ी माफिया पेड़ों (trees) की बलि चढ़ाने से बाज नहीं आ रहे हैं। कोरोना काल में ऑक्सीजन की कमी के कारण पूरे देश में हाहाकार मचा हुआ था। तब पर्यावरण के दुश्मन बने लकड़ी माफिया का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा था। दूसरी ओर प्रदेश के मुखिया ने कड़े नियमों के साथ प्रतिबंद्ध लगा दिया था और एक पेड़ रोज लगाने की बात कर रहे थे।
कांग्रेस के पूर्व विधायक राज में लगाए गए थे पेड़
पर्यावरण के दुश्मन बने कई माफियाओं की बात तो आप ने सुनी होगी। लेकिन एक मामले ऐसा भी है जहां खुद मामा के अधिकारी ही पर्यावरण के दुश्मन बने हुए हैं। यह पूरा मामला उज्जैन जिले की महिदपुर तहसील का है। जहां नगर पालिका के एडीएम को ये भी पता नहीं है कि उनके राज में हरे भरे पेड़ों की बलि दे दी गई है। महिदपुर के सत्य श्मशान में कई हजारों पेड़ हरे भरे खड़े है। जो लाखों रुपए खर्च कर कांग्रेस के पूर्व विधायक स्व. कल्पना परुलेकर के राज में लगाए गए थे। लेकिन ऐसा क्या पता था कि बीजेपी के राज में महिदपुर नगर पालिका के एसडीएम ने हरे भरे पेड़ों की बलि चढ़ा दी जाएगी।
महिदपुर एसडीएम को नहीं कोई जानकारी
सत्य श्मशान के पास शिप्रा नदी के किनारे लगे वर्षों पुराने हरे भरे पेड़ को इतनी कुरुरता के साथ बलि चढ़ा दी। जब इसकी भनक पत्रकारों को लगी तो मौके पर पहुंच कर देख हैरान रह गए कि वर्षों पुराने हरे भरे पेड़ों को पर्यावरण के दुश्मनों ने कट दी है। जब इसकी पड़ताल के लिए मौके से नगर पालिका एसडीएम को फोन लगाया गया। उनका कहना है कि उन्हें इस बात की जानकारी ही नहीं है तो फिर आखिर इन हरे भरे पेड़ की बलि किसने चढ़ाई थी। मामले को लेकर आगे की पड़ताल शुरू की गई और महिदपुर एसडीएम से संपर्क किया गया। उनका कहना है कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं और न ही कोई परमिशन ली गई है। फिर आखिर बिना परमिसन के कैसे इन हरे भरे पेड़ों को कटा गया है।
नगर पालिका कर्मचारी और एसडीएम की सांठगांठ
जब आगे की पड़ताल की गई तो नगर पालिका कर्मचारी और सत्य शमशान के व्यवस्थापक, प्रभारी उमेश दावरे और नगर पालिका एसडीएम की सांठगांठ से इन हरे भरे पेड़ों की बलि चढ़ा दी गई और इन्हें ठिकाने लगाने की तैयारी कर दी थी। अगर मीडिया की टीम मौके पर नहीं पहुंचती तो करीब 30 से 40 हरे भरे पेड़ो को ठिकाने लगा दिए जाते। आखिर क्यों लगातार मध्यप्रदेश के आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही है और क्यों खुद के अधिकारी ही इन हरे भरे पेड़ों के दुश्मन बन गए है। अब आगे देखना यह होगा कि मुख्यमंत्री के कड़े नियमों का पालन करते हुए इन पर्यावरण के दुश्मनों पर कार्रवाई करते है या फिर इन्हें इसी तरह आगे और भी पेड़ो की बलि चढ़ाने का बल मिलेगा।
Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक