अजय नीमा, उज्जैन। करवा चाैथ पर सुहागिन स्त्रियां अपने सुहाग की रक्षा के लिए माता से प्रार्थना करती हैं। उज्जैन जिले के शिप्रा नदी के किनारे स्थित करवा चाैथ माता मंदिर के पट साल में एक बार खुलते हैं। हजारों की संख्या में महिलाएं अपनी सुहाग की कामना के लिए पूजा करने देवी मंदिर में आती हैं।

इंदौर-उज्जैन फोरलेन से लगे नागदा बायपास के पास जीवनखेड़ी गांव में खेत के बीच करवा चौथ माता का मंदिर है। यह मंदिर डॉ. कैलाश नागवंशी ने अपनी मां लक्ष्मीदेवी की स्मृति में बनवाया था। शिप्रा किनारे अपनी निजी जमीन पर बनाया यह मंदिर के पट साल में केवल करवा चौथ के दिन खोला जाता है।

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करवा चौथ पर ग्रामीण और शहरी क्षेत्र की महिलाएं दर्शन, कथा सुनने आती हैं। मंदिर में चौथ देवी के अलावा सास-बहू और बहन-भाई की प्रतिमा भी है। डॉ. नागवंशी ने बताया कि वह लगभग 20 वर्षों से देवी की सेवा कर रहे हैं। इस साल भी दर्शन करने आने वाली महिलाओं को मां कामाख्या मंदिर असम से लाया हुआ सिंदूर, रुद्राक्ष भेंट किया जाएगा।

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