अजय नीमा, उज्जैन। आज श्रावण मास का पांचवा सोमवार है। सुबह से ही शिव मंदिरों में भक्तों का तांता लगा हुआ है। मध्य प्रदेश के उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन हेतु श्रद्धालु देर रात से कतार में लगे हुए है। सोमवार तड़के 2.30 बजे मंदिर के पट खोले गए और 3 बजे बाबा महाकाल की भस्मारती शुरू हुई। हजारो श्रद्धालुओं ने दर्शन लाभ लिए। श्रावण मास भगवान भोलेनाथ का सबसे प्रिय माह माना गया है। मान्यता है की श्रावण माह में शिव आराधना करने से सभी कष्टों से तुरंत मुक्ति मिलती है।

श्रावण के सोमवार के दिन आज महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल की विशेष भस्मारती की गई। भस्मारती के पहले बाबा को जल से नहलाकर महा पंचामृत अभिषेक किया गया। जिसमें दूध, दही, घी, शहद और फलो के रसों से अभिषेक हुआ। अभिषेक के बाद भांग और चंदन से भोलेनाथ का आकर्षक श्रृंगार किया गया और भगवान को वस्त्र धारण कराये गए। तत्पशचात बाबा को भस्म चढ़ाई गई।

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भस्मिभूत होने के बाद झांझ-मंजीरे, ढोल-नगाड़े और शंखनाद के साथ बाबा की भस्म आरती की गई। भक्त आज के दिन का विशेष इंतजार करते है इसलिए आज महाकाल के दरबार में सुबह से ही उत्साह और आनंद का माहौल है।

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श्रावण-भादो मास में सोमवार को बाबा महाकाल की सवारी निकाले जाने की भी परंपरा है। इसलिए आज शाम को बाबा की सवारी भी निकाली जाएगी। मान्यता है की अपनी प्रजा का हाल जानने के लिए सवारी के रूप में राजा महाकाल नगर भ्रमण पर निकलते है। जहां बाबा की सवारी के दर्शन के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु सड़कों के किनारे घंटो इंतजार करते है और महाकाल की एक झलक पाकर अपने आप को धन्य मानते है।

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