भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के उज्जैन (Ujjain) में मंत्री मोहन यादव (Minister Mohan Yadav) और परिजनों की जमीन सिंहस्थ क्षेत्र (Simhastha) से बाहर नहीं होगी। सिंहस्थ क्षेत्र की आरक्षित 148.669 हेक्टयर जमीन को मुक्त कर कृषि से आवासीय किए जाने के मामले में अब फिर से उस जमीन को कृषि भूमि कर दी गई है। 

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दरअसल, उज्जैन में सिंहस्थ के लिए आरक्षित की गई 872 एकड़ जमीन मे से 148.669 हेक्टेयर जमीन को मास्टर प्लान में सिंहस्थ एरिया से बाहर कर कर दिया गया था। इस मामले में मंत्री मोहन यादव को लाभ पहुंचाने का आरोप लगा था। उनके और परिजनों के स्वामित्व वाली भूमि को सिंहस्थ के मास्टर प्लान से बाहर करने की शिकायत भी हुई थी। इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा था कि उज्जैन के नए मास्टर प्लान से सिंहस्थ के आयोजन में कोई असुविधा नहीं उत्पन्न होनी चाहिए। आवश्यकता होने पर मास्टर प्लान में परिवर्तन किए जा सकते हैं।

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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चौहान के निर्देश के बाद सिंहस्थ क्षेत्र के अंतर्गत सेटेलाइट टाउन के लिए आरक्षित ग्राम सावराखेड़ी एवं कस्बा उज्जैन में 48.679 हेक्टेयर भूमि को आवासीय किए जाने के फैसले को निरस्त कर दिया गया है। क्योंकि परीक्षण के बाद यह तथ्य संज्ञान में आया कि इस क्षेत्र के आवासीय होने पर सिंहस्थ के लिये पार्किंग एवं अन्य सेवा सुविधाओं के लिये भूमि की उपलब्धता में कठिनाई हो सकती है। साथ ही सिंहस्थ बायपास उज्जैन नगर के पश्चिम से उत्तर की ओर बाहरी क्षेत्र से होकर गुजरता है, जो पड़ाव क्षेत्र के लिये आरक्षित भूमि तक आवागमन के लिये महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

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