प्रदीप मालवीय उज्जैन। महाकाल की नगरी उज्जैन (Ujjain) में आज से आने वाले 9 दिनों तक बाबा के 9 रूपों की दर्शन (philosophy of 9 forms) होगी. कोटेश्वर मंदिर के पूजन के साथ शिव नवरात्रि (shiv navratri) शुरू हो चुकी है. पावन अवसर पर बाबा को चंदन और केसर के उबटन लगाए गए. वहीं श्रृंगार सहित आभूषण (jewelery) भी धारण कराए गए हैं. आने वाले 9 दिनों तक बाबा के अलग-अलग रूपों में पूजा (worship in different forms) अर्चना की जाएगी.
विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर (Shri Mahakaleshwar Temple) में आज से शिव नवरात्र की शुरूआत हो गई है. पहले दिन यानी आज चंद्रमौलेश्वर और महादेव बाबा महाकाल के आंगन में भस्म आरती (Bhasma Aarti) के साथ साल की पहली आरती की गई. आरती के साथ साथ बाबा को चंदन और उपटन (Sandalwood and Uptan) भी लगाया गया.
सेहरा स्वरूप में श्रृंगार
बाबा के दरबार को भव्य तरीके से सजाया गया है. आज से पूरे 9 दिनों तक शिव विवाह की अलग अलग रश्में निभाई जाएगी. साल के पहले नवरात्रि की शुरूआत भस्त आरती से की गई. ढोल, नगाड़े और झांज मंजिरों से बाबा की आरती की जाएगी. वही आज चंद्रमौलेश्वर और कोटेश्वर महादेव पूजा अर्चना विधि विधान से की गई. नवरात्रि के पावन अवसर पर लोगों की भक्ति देखने को मिलती है. बाबा के अलग अलग स्वरूप में दर्शन और आरती में शामिल होने के लिए हजारों लाखों की संख्या में भक्त आते हैं. नवरात्रि आगाज करते हुए पंडित घनश्याम शर्मा के आचार्यत्व यज्ञ की. इन नौ दिनों मे बाबा महाकाल का सेहरा स्वरूप में श्रृंगार भी किया जाएंगा.
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