उज्जैन। मध्य प्रदेश के उज्जैन के श्री महाकाल मंदिर के शिखर पर स्थित नागचंद्रेश्वर ‎मंदिर के पट रात 12 बजे खोले गए। महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीत गिरी महारज ने भगवान नागचंद्रेश्वर का प्रथम पूजन किया। इसके बाद मंदिर को भक्तों के लिए खोल दिया गया। प्रशासन ने खास व्यवस्था की है।

मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित श्री नागचंद्रेश्वर मंदिर में नागपंचमी के मौके पर दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा हुआ है। सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी जा रही है। देश के कोने-कोने से भक्त दर्शन करने पहुंचे हुए हैं। भक्त लाइन में लगकर हरिसिद्धि माता मंदिर और फिर बड़े गणेश मंदिर होते हुए श्री नागचंद्रेश्वर मंदिर पहुंच रहे हैं।

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आज करीब 10 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान का अनुमान है। दर्शन का सिलसिला आज शुक्रवार रात 12 तक अनवरत जारी रहेगा। पट बंद होने की परंपरा के निर्वहन के लिए प्रशासन शुक्रवार रात 10 बजे भक्तों के दर्शन की कतार में लगने पर रोक लगा देगा। फिर एक साल बाद यानी अगली नागपंचमी पर मंदिर के पट खुलेंगे।

साल में एक ही बार होते हैं दर्शन

मंदिर में भगवान नागचंद्रेश्वर की सात फनों वाली दिव्य प्रतिमा विराजित है। हर साल नाग पंचमी पर इस प्रतिमा का दर्शन और पूजन किया जाता है। माना जाता है कि इस प्रतिमा के दर्शन मात्र से कुंडली के कालसर्प दोष का असर कम हो सकता है। नागचंद्रेश्वर की प्रतिमा दुर्लभ है और 11वीं शताब्दी की मानी जाती है।

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