संजय विश्वकर्मा, उमरिया। मध्यप्रदेश के उमरिया में सरकारी खरीदी केंद्रों पर धान बेचने वाले किसानों के खाते में 15 दिन बाद भी पैसा नहीं पहुंचा है. इस कारण किसानों के चेहरों पर मायूसी साफ देखी जा रही है. ठेकेदार के द्वारा धान परिवहन में हीलाहवाली की जा रही. इस कारण भुगतान अटका हुआ है. 

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समर्थन मूल्य में किसानों से धान की खरीदी का काम पूरा हुए 15 दिन गुजर चुके हैं, लेकिन अब तक किसानों को उपज का भुगतान नहीं मिल पाया है. धान का उठाव नहीं होने से किसानों का भुगतान अटका पड़ा है.  कलेक्टर भी ठेकेदार की कार्यप्रणाली से खपा है और कार्रवाई के लिए चिट्ठी भी लिखी है. बाबजूद इसके ठेकेदार का रसूख सिर चढ़कर बोल रहा. यही कारण है कि सरकार के लाख दावों के बाद भी न तो धान का परिवहन हो रहा है और न ही किसानों का अभी तक भुगतान हुआ है.

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जिले में दो हजार से ज्यादा किसानों का 25 करोड़ रुपए से ज्यादा का भुगतान बाकी है, लेकिन इससे न तो आपूर्ति निगम को कोई फर्क पड़ रहा और न ही ठेकेदार को. लाखों क्विंटल धान खरीदी केंद्रों खुले में पड़ा हुआ है. जिसका खामियाजा आने वाले समय मे उन मिलर्स को भुगतना होगा, जिन्होंने सरकार से एग्रीमेंट कर रखा है कि वो धान का 60 फीसदी चावल उन्हें वापस करेंगे जो कि बारिस की भेंट चढ़े धान में संभव ही नहीं है.

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