संजय विश्वकर्मा, उमरिया। मध्य प्रदेश के उमरिया में जिला पंचायत ने बड़ी कार्रवाई की है। चार ग्राम पंचायत सचिवों को एक माह की जेल की सजा सुनाई है। खुद के न्यायालय में सजा सुनाकर डायरेक्ट जेल भेज दिया। बताया गया कि सभी पर शासकीय योजनाओं में पैसे गबन करने का आरोप है।

मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में जिला पंचायत सीईओ के फैसले ने भ्रष्टाचारियों के बीच में हड़कंप का माहौल पैदा कर दिया है। दरअसल जिला पंचायत सीईओ अभय सिंह ने पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 40 और धारा 92 के तहत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए चार भ्रष्टाचारी सचिवों को एक महीने के लिए जेल भेज दिया है।

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सीईओ जिला पंचायत अभय सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि ग्राम पंचायत में जो काम चल रहे हैं उनको लेकर राशि निकालने की अनियमितता के साथ-साथ कहीं ऐसे मामले भी हैं जिनमें काम तो नहीं किया गया लेकिन राशि पूरी आहरित कर ली गई है। ऐसे तमाम मामलों को लेकर धारा 40 एवं 92 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर उनकी सुनवाई न्यायालय विहित प्राधिकरण एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी में की जा रही थी। उन्होंने कहा कि इन धाराओं के तहत एक महीने का जेल भेजने का प्रावधान है जिनके तहत चारों सचिव कल्याण सिंह, सुभाष रॉय, संतोष राय और मान सिंह को जिला जेल उमरिया न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है।

गौरतलब है कि उमरिया जिले में कई ऐसी पंचायतें हैं, जहां काम तो नहीं हुआ है लेकिन राशि आहरित कर ली गई है। इसके साथ ही कूट रचना और गुणवत्ताहींन काम कर के भी राशि का आहरण कर लिया गया है। जिला पंचायत सीईओ की यह कार्रवाई निश्चित रूप से भ्रष्टाचारियों के मन में खौफ पैदा करेगी और आने वाले समय में ऐसे भ्रष्टाचार के मामलों में लगाम लगेगी।

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