कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्यप्रदेश में पहली बार किसी नदी पर एलिवेटेड रोड का निर्माण होने जा रहा है। यह एलिवेटेड रोड ग्वालियर शहर में स्वर्ण रेखा नदी पर बनाई जाएगी। आज केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इसका भूमि पूजन किया। साथ हीआईएसबीटी बस स्टैंड की भी सौगात दी। इस दौरान सीएम शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रदेश के PWD मंत्री गोपाल भार्गव,प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट, ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर समेत कई नेता मौजूद रहे।

ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह का दिखा अलग अंदाज

भूमिपूजन कार्यक्रम में क्षेत्रीय विधायक और ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर का अलग अंदाज देखने को मिला। एलिवेटेड रोड़ की सौगात के लिए मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने भरे मंच पर दंडवत प्रणाम कर केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी को धन्यवाद दिया। ऊर्जा मंत्री के आभार के तरीके से मंत्री गडकरी के चेहरे पर मुस्कान आ गई।

बता दें कि इस कार्यक्रम में 1128 करोड़ की लागत से कुल 222 KM लम्बाई की 7 सड़क परियोजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण हुआ। कार्यक्रम का आयोजन ग्वालियर शहर के हजीरा स्थित खेल मैदान परिसर में किया गया। कार्यक्रम में ग्वालियर की महापौर शोभा सिकरवार, एमपी के परिवहन एवं राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, उद्यनिकी मंत्री भारत सिंह कुशवाह भी मौजूद रहे।

एलीवेटेड रोड़ व आईएसबीटी के अलावा अन्य बिन्दु

राष्ट्रीय राजमार्ग क्र.-44, आगरा-ग्वालियर खण्ड के 6-लेन (ग्रीनफील्ड)

  1. परियोजना की कुल लम्बाई – 87.00 किमी.
  2. कुल आवश्यक भूमि – 540.5 हैक्टेयर
  3. भू-अर्जन की अनुमानित लागत – 158 करोड़
  4. परियोजना निर्माण की अनुमानित लागत – 2634 करोड़ 62 लाख
  5. वर्तमान स्थिति – डीपीआर तैयार कराई जा रही है।
  6. परियोजना के लाभ –
    1. 87 कि.मी. लम्बा ग्रीनफील्ड संरेखण आगरा शहर की नवीन प्रस्तावित रिंग रोड से प्रारंभ होकर ग्वालियर शहर के पूर्व बायपास पर समाप्त होगा।
    2. उक्त संरेखण आगरा, धौलपुर एवं मुरैना जिले की बाहरी सीमाओं एवं ग्वालियर से होकर गुजरेगा एवं पूरी तरह एक्सेस कंट्रोल ग्रीलफील्ड हाईवे होगा। जिसमें मनिया, धौलपुर एवं मुरैना के ट्रैफिक के चढ़ने व उतरने हेतु व्यवस्था इंटरचेंज के माध्यम से प्रदान की जायेगी।
    3. उक्त नवीन परियोजना उत्तर दक्षिण को आगरा से ग्वालियर के मध्यम हाई स्पीड कनेक्टिविटी प्रदान करेगी एवं यातायात समय को 3 घंटे से 1 – 1.5 घंटे तक कम करेगी। साथ ही साथ नवीन परियोजना के आसपास लोजेस्टिक पार्क आदि का प्रावधान भी भविष्य में किया जायेगा।

परियोजना का नाम – ग्वालियर शहर में पश्चिम बायपास का निर्माण कार्य

  1. परियोजना की कुल लम्बाई – 28.800 कि.मी.
  2. निर्माण की अनुमानित लागत – 662 करोड़ 57 लाख
  3. वर्तमान स्थिति – डीपीआर तैयार कराई जा रही है।

लाभ –

  1. उक्त प्रस्तावित पश्चिम बायपास आगरा से शिवपुरी जाने वाले वाहनों की यात्रा की दूरी को लगभग 30 कि.मी. कम करेगा एवं यात्रा के समय को भी 30 – 45 मिनट कम करेगा।
  2. साथ ही साथ पश्चिम बायपास के निर्माण के उपरांत ग्वालियर शहर का रिंग रोड पूर्ण हो जायेगा, जिससे कितनी भी लंबी दूरी वाले भारी वाहनों को शहर में आने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। साथ ही साथ साडा क्षेत्र के विकास में भी गति आयेगी।

परियोजना का नाम – अटल प्रगतिरथ चंबल एक्सप्रेस-वे

  1. परियोजना की कुल लम्बाई – 409.5 कि.मी.
  2. निर्माण की अनुमानित लागत – 1098 करोड़ 57 लाख
    वर्तमान स्थिति – डीपीआर बन रही है।
    लाभ –
    1. उक्त परियोजना कोटा (राजस्थान), श्योपुर, भिण्ड, मुरैना(मध्यप्रदेश) , इटावा (उत्तरप्रदेश) को जोड़ती है। साथ ही उक्त परियोजना के निर्माण से राजस्थान, मध्यप्रदेश एवं उत्तरप्रदेश के कई ग्राम मुख्य सड़क से जुड़कर विकास की ओर अग्रसर होंगे।
    2. राजमार्ग के दोनों ओर लोजिस्टिक पार्क इत्यादि का भी विकास कराया जायेगा, जिससे उस क्षेत्र में रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकेंगे एवं राजस्थान एवं उत्तरप्रदेश से आने वाले वाहनों को श्योपुर, मुरैना एवं भिण्ड जिले से हाईस्पीड कनेक्टिविटी मिलेगी।
    3. यातायात व्यवस्था दुरूस्त करने एवं ट्रैफिक लोड कम करने की दिशा में उठाए जा रहे प्रयासों के दृष्टिगत सेतु बंधन योजना के अंतर्गत ग्वालियर शहर में कम्पू बस स्टैण्ड से गोरखी महाराज बाड़ा एवं हजीरा सर्कल में से फ्लाई ओवर निर्माण हेतु प्रस्ताव बनाकर सड़क परिवजन-राजमार्ग सड़क एवं परिवहन मंत्रालय को मध्यप्रदेश शासन द्वारा भेजे जा रहे हैं।
    4. ग्वालियर में हरिशंकरपुरम-महलगांव के बीच रेलवे ट्रेक की पुरानी पुलिया व डबरा रेलवे स्टेशन के पास अंडर ब्रिज के निर्माण एवं मोहना में रेलवे ओवर ब्रिज निर्माण हेतु भी प्रयास जारी है।
  • मध्यप्रदेश शासन द्वारा मोहना में रेलवे ओवर ब्रिज निर्माण का प्रस्ताव भारत सरकार की सीआरएफ योजना में प्रस्तावित कार्यों की सूची में सम्मिलित किया गया है।
  • हरिशंकरपुरम और महलगांव के बीच रेलवे ट्रैक की पुरानी पुलिया पर अंडर पास (आरयूबी) बनाने की आवश्यकता है। यहां रेलवे ट्रैक के नीचे जो पुलिया बनी है उसकी चौड़ाई अभी तीन मीटर है और यहां से सिर्फ बाइक व ऑटो निकल पाते हैं, बड़ी कारें इस पुलिया से नहीं निकल पाती हैं। उनके चालकों को एजी ऑफिस पुल होते हुए महलगांव माधौनगर गेट तक के बीच दो किलोमीटर तक का सफर तय करना पड़ता है। अंडर पास बनने पर ये समस्या समाप्त हो जाएगी। यह आरयूबी रेल विभाग द्वारा फिजिकल बताया गया है, लेकिन बजट आवंटन की कमी के कारण कार्य शुरू नहीं हो पाया है।
  • डबरा रेलवे स्टेशन के पास अंडर ब्रिज के निर्माण की आवश्यकता है। डबरा के रेलवे स्टेशन के पास शहर के आमजन को रेलवे लाईन क्रॉस करने के लिये कोई सुगम मार्ग न होने से रेलवे लाईन के ऊपर से ही आवागमन करना पड़ता है, इससे आए दिन दुर्घटना होने की आशंकर बनी रहती है। डबरा शहर में जो रेलवे का ओवर ब्रिज बना हुआ है उस पर छोटे वाहनों के साथ-साथ कृषि उपज मंडी होने से भारी वाहनों का आवागमन रहता है जिससे जाम की स्थिति बनी रहती है।
  • मोहना में रेलवे ओवर ब्रिज निर्माण ग्वालियर लोकसभा क्षेत्र के मोहना में रेलवे स्टेशन से एक किलोमीटर की अधिक दूरी पर रेलवे द्वारा अंडरब्रिज बनाए गए हैं। पूर्व में इस क्षेत्र में नेरोगेज हुआ करती थी, इसका ब्रोडगेज में परिवर्तन हुआ। रेलवे लाईन घनी आबादी से जा रही है। आबादी के यह रचना ऐसी है कि रेलवे लाईन के दोनों तरफ घनी बस्ती है ऐसे कई लोग हैं जिनके आवास एक तरफ व कार्य क्षेत्र जैसे खेती की जमीन, स्कूल, बाजार आदि दूसरी तरफ है इस कारण रेलवे लाईन क्रॉस करने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं है। पशु भी सदैव रेलवे लाईन क्रॉस करते रहते हैं व दुर्घटना का शिकार होते हैं।

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