अभिषेक अवस्थी, गंजबासौदा। इन दिनों कंजक्टिवाइटिस (conjunctivitis) की बीमारी तेजी से फैल रही है। कई लोग इस वायरस की चपेट में आ रहे हैं। इस बीमारी से लोगों की आंखें लाल और चेहरे पर सूजन भी आ रही है। यदि कोई व्यक्ति इसकी चपेट में आता है तो परिवार के अन्य लोगों में भी वायरस के फैलने का खतरा है।
बारिश के मौसम में कंजक्टिवाइटिस (conjunctivitis) की बीमारी सबसे कॉमन है। इन दिनों आंख के इंफेक्शन से काफी लोग जूझ रहे हैं। मध्य प्रदेश के विदिशा (Vidisha) जिले के गंजबासौदा और आसपास के क्षेत्र में यह वायरस लगातार फैल रहा है। सभी उम्र के लोग इसकी की चपेट में आ रहे हैं।
एक हफ्ते में 250 से अधिक मरीज
अस्पताल के आंकड़े की बात की जाए तो पिछले एक सप्ताह में अभी तक ढाई सौ से अधिक मरीज वायरस की चपेट में आ चुके हैं। जिन्होंने शासकीय अस्पताल पहुंचकर अपना उपचार कराया। वहीं 2 दिनों में 100 से भी ज्यादा मरीज अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचे। जिनका नेत्र रोग विशेषज्ञ उपचार कर रहे है। नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर ने सलाह दी है कि जिन लोगों को इंफेक्शन हुआ है, वह काला चश्मा पहनें। साथ ही टॉवेल, साबुन अपना अलग उपयोग करें, ताकि परिवार के लोगों में यह वायरस न फैले।
बीमारी के लक्षण
कंजंक्टीवाइटिस होने पर आंखों का लाल हो जाना, पलकों का सूजना, हल्का सिर दर्द, आंखों से पानी आना, आंखों से सफेद कचरा, डिस्चार्ज आना, पलकों का चिपक जाना हैं। संक्रमण के कारण होने वाली कंजंक्टीवाइटिस सामान्य सर्दी, बुखार, खांसी के साथ या बाद में भी हो सकती है। एलर्जी के कारण होने वाली कंजंक्टीवाइटिस में मुख्य कारण पराग कण धूल से दवाओं से एलर्जी हो जाना होता है। इसमें मरीज आंखों में सूजन, लालिमा, खुजलाहट, पानी आना, जलन की शिकायत करते हैं।
कंजक्टिवाइटिस : आंखों के लाल होने पर होम्योपैथिक दवा से भी किया जा सकता है इलाज
कंजंक्टिवाइटिस से बचाव
- जलन जैसे लक्षणों से राहत पाने के लिए आंखों पर कोल्ड कंप्रेस लगाएं।
- आंखों में जलन और खुजली होने पर आई ड्रॉप्स का इस्तेमाल करें।
- रूई को पानी में भिगोकर दिन में दो बार पलकों पर जमे हुए चिपचिपे आई डिस्चार्ज को साफ करें।
- यदि एक आंख संक्रमित नहीं है, तो दोनों आंखों के लिए एक ही आई ड्रॉप बॉटल का इस्तेमाल करने से बचें।
- कॉन्टैक्ट लेंस का उपयोग तब तक बंद कर दें, जब तक कि आंखें पूरी तरह से ठीक ना हो जाएं।
- पलकों और चेहरे को माइल्ड साबुन से धोएं।
- बाहरी कणों को बाहर निकालने के लिए पानी से आंखों को साफ करें।
- आंखों को रगड़ें नहीं, क्योंकि इससे लक्षण और गंभीर हो सकते हैं।
- आंखों में आई ड्रॉप डालने से पहले अपने हाथों को अच्छी तरह से धो लें।
इनफेक्शियस कंजंक्टिवाइटिस दोबारा भी हो सकता है। ऐसे में आप इन सावधानियां से इसे रोक सकते हैं। कंजक्टिवाइटिस होने, आंखों में लालिमा, दर्द, धुंधला दिखने पर नेत्र विशेषज्ञ से संपर्क करें।
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