संदीप शर्मा, विदिशा। दिल्ली स्थित नए संसद भवन का मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) सामने आया है। क्योंकि विदिशा (Vidisha) जिले का ऐतिहासिक विजया मंदिर कहे या सूर्य मंदिर एकाएक फिर सुर्खियों में आ गया है। परमार कालीन समय में बने सूर्य मंदिर (विजया मंदिर) की प्रतिकृति के आधार पर नई दिल्ली के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट (Central Vista Project) बना है। संसद भवन का उद्घाटन 28 मई को होने जा रहा है। प्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता हितेश वाजपेयी ने सोशल मीडिया के माध्यम से नई लोकसभा की डिजाइन विदिशा के सूर्य मंदिर से लिया जाना बताया है। विदिशा के इतिहासकार मानते हैं कि विदिशा के लिए यह गौरव की बात है कि यहां के सूर्य मंदिर की प्रतिकृति दिल्ली की नई संसद के लिए ली गई है। उसी आधार पर प्रोजेक्ट तैयार किया गया है, लेकिन हितेश वाजपेयी चाहते हैं कि उद्घाटन के समय इस स्थान का जिक्र जरूर किया जाना चाहिए।
परमार काल में मंदिर का निर्माण
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बने नए संसद भवन की डिजाइन विदिशा के परमार कालीन सूर्य मंदिर के मॉडल पर तैयार किया गया है। 28 मई को नई लोकसभा भवन का उद्घाटन होना है। विदिशा के इस सूर्य मंदिर का निर्माण परमार काल के शासक राजा कृष्ण के प्रधानमंत्री चालुक्य वंशी वाचस्पति ने 11 वीं सदी में कराया था। मंदिर का निर्माण परमार शैली के अनुरूप भव्य विशाल पत्थरों पर अंकित परमार कालीन राजाओं की गाथाओं से किया गया था। मंदिर डेढ़ सौ गज ऊंचा बताया जाता था। मंदिर की भव्यता और विशालता मुगल शासकों को शुरू से ही खटकती रही।
औरंगजेब ने मंदिर के ऊपर कराया मस्जिद निर्माण
17वीं शताब्दी में मुगल शासक औरंगजेब ने मंदिर को 11 तोपों से उड़ा कर पूरी तरह लूट और तोड़कर ज्यादातर मूर्तियों को बर्बाद कर दिया और कुछ अवशेषों को दफन कर उसके ऊपर मस्जिद का निर्माण कराया गया। 1934 की खुदाई में मंदिर के अवशेष मिलने पर यह मामला प्रकाश में आया और गहरी खुदाई पर मंदिर रूपी एक भव्य इमारत सामने आई। जिसके बाद आरकेलॉजिक डिपार्टमेंट ने पूरी जगह को अपने हैंडोवर ले लिया। फिलहाल मंदिर के पट बंद हैं। मामला माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। हाल ही में बीजेपी प्रवक्ता ने सोशल मीडिया के माध्यम से नई लोकसभा के डिजाइन का सूर्य मंदिर से लिया जाना बताया गया है।
हुबहू सूर्य मंदिर की तर्ज पर नई लोकसभा
विदिशा के इतिहासकार गोविंद देवलिया भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि हुबहू सूर्य मंदिर की तर्ज पर नई लोकसभा का निर्माण हुआ है। प्राचीन सूर्य मंदिर के गेट पर निर्मित दो विशाल स्तंभ नई लोकसभा के प्रवेश द्वार से मेल खाते हैं। उन्हें खुशी है कि 28 मई को जिस नई संसद सेंट्रल विस्टा का उद्घाटन होने जा रहा है उसकी प्रतिकृति और आकार विदिशा के सूर्य मंदिर से मेल खाता है और इसी डिजाइन पर तैयार भी किया गया है।
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