संदीप शर्मा, विदिशा। मध्यप्रदेश में ऑनलाइन प्यार की अनोखी कहानी सामने आई है। एक किशोरी को ऑनलाइन प्यार यानी इंस्टाग्राम पर विदिशा जिले के एक किशोर से संपर्क में आने के बाद दोस्ती हुई और प्यार में बदल गई। बात इतनी आगे बढ़ी कि किशोरी अपना सबकुछ छोड़ कर किशोर से मिलने और उसके साथ भागकर शादी करने के लिए पश्चिम बंगाल से विदिशा जिले के गंजबासौदा आ पहुंची। किशोर गंजबासौदा के नजदीक त्योंदा क्षेत्र का रहने वाला है। किशोर के पिता की शिकायत के बाद चाइल्डलाइन द्वारा गंजबासौदा जीआरपी और आरपीएफ की मदद से उसे अपने साथ लाया गया।

Read More: BJP कार्यकर्ता की पिटाई का मामला: भाजपा मंडल अध्यक्ष समेत 25 लोगों पर FIR, पीड़ित ने विधायक के इशारे पर मारपीट करने के लगाए थे आरोप

चाइल्डलाइन विदिशा द्वारा 1098 पर सूचना मिलने के बाद गंज बासौदा रेलवे स्टेशन से एक 15 वर्षीय किशोरी को अपने कब्जे में लिया है। बताया जाता है कि किशोरी पश्चिम बंगाल के दमदम की रहने वाली है और वह बताया गया कि किशोरी के माता-पिता उसके साथ मारपीट करते थे। उसके चलते कम उम्र में ही नाना-नानी उसे पाल रहे थे। किशोरी अपने साथ कुछ गहने और कुछ राशि लेकर यहां आई थी। वही किशोर भी घर से ₹ एक लाख लेकर भागने की तैयारी कर रहा था। समय पर किशोर के माता-पिता को इस बारे में जानकारी लग गई और उन्होंने बच्चों के द्वारा उठाए जा रहे से कदम को पहले ही रोक लिया। चाइल्ड लाइन की काउंसलर दीपा शर्मा ने बताया कि बालिका उनके पास है। बाल समिति के सामने प्रस्तुत करने के बाद उसे पश्चिम बंगाल उसके नाना नानी के पास भेजा जाएगा।

Read More: खंडवा में भजन गायक अनूप जलोटा: किशोर कुमार की समाधि स्थल पहुंचकर किया नमन, बोले- किशोर दा को मिले भारत रत्न

हालांकि किशोरी वापस जाने को रजामंद नहीं है। दीपा ने बताया कि किशोरी के संबंध में पश्चिम बंगाल पुलिस से संपर्क किया गया है जहां इस किशोरी के गुम होने की शिकायत भी दर्ज कराई गई है। बंगाल पुलिस से लगातार चाइल्डलाइन विदिशा संपर्क बनाए हुए हैं। इस पूरे मामले को लेकर कैलाश सत्यार्थी चाइल्ड फाऊंडेशन के सदस्य एडवोकेट आयुष गोयल द्वारा उसे समझाइश दी जा रही है। वहीं आयुष का कहना है कि ऑनलाइन रूप से कोरोना काल में जहां बच्चों को मोबाइल पढ़ने के उद्देश्य से दिया गया था। वहां सोशल मीडिया के माध्यम से बच्चे गलत राह पर जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि माता-पिता की यह जिम्मेदारी है कि वह बच्चों पर निगाह रखें जो ऐप और सोशल मीडिया उनकी पढ़ाई के योग्य नहीं है उन पर उन्हें ना जाने दे।

शूटिंग वर्ल्ड कप: हरियाणा के सरबजोत सिंह ने भारत को दिलाया पहला गोल्ड मेडल, वरुण तोमर को मिला ब्रॉन्ज

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus