संदीप शर्मा, विदिशा।  मध्य प्रदेश के विदिशा जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। अस्पताल में इलाज कराने पहुंच रहे मरीजों को एक्सपायरी डेट की दवाएं दी जा रही है। वहीं जिम्मेदार अधिकारी मामले में पल्ला झाड़ते नजर आए। 

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मिली जानकारी के अनुसार मामला जिले के ग्यारसपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है। जहां दवा देने के नाम पर मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। अस्पताल में मरीजों को एक्सपायरी डेट की दवाएं वितरित की जा रही है। 

दरअसल 5 जनवरी 2024 दिन शुक्रवार को मरीज बाबू सिंह राजपूत सीने में हो रहे दर्द को दिखाने के लिए ग्यारसपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे थे। जहां उपस्थित डॉक्टर ने उनका इलाज करते हुए दवा खाने की सलाह दी और पर्चे पर दवा लिख दी। जिसके बाद वे  हॉस्पिटल से उन दवाइयां को लेकर घर चले आए। रात को उन्होंने एक खुराक दवाई खाई, लेकिन दर्द में कोई आराम नहीं मिला। सुबह दूसरी खुराक खाई तभी उनकी नजर दवाई के पत्ते पर लिखी एक्सपायरी डेट पर पड़ी तो उनके होश उड़ गए। 

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दवाई के पत्ते पर मैन्युफैक्चरिंग डेट अगस्त 2022 एवं एक्सपायरी अक्टूबर 2023 लिखी हुई थी जिसका बैच नंबर टीसी 2160096 है। वहीं जब इस मामले पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ योगेश तिवारी के संज्ञान में लाया गया तो वे गोल-मोल जवाब देते नजर आए और एक्सपायरी डेट की दवाई के सवाल पर पल्ला झाड़ते नजर आए। अब सवाल यह उठता है कि जब सरकारी अस्पताल द्वारा ही मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा हो तो फिर प्राइवेट अस्पताल के क्या हाल होंगे ?

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