संदीप शर्मा, विदिशा। मध्यप्रदेश के विदिशा माधवराव सिंधिया जिला अस्पताल में अंतर आत्मा को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। यहां डॉक्टरों की असंवेदनशीलता के चलते भरी धूप में एक बेटा अपनी मां के शव को ट्रैक्टर-ट्राली में रखकर जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज के बीच चक्कर लगाता रहा। लगभग दो घंटे के बाद जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने पोस्टमार्टम किया।
दरअसल, ग्राम जम्बार बागरी निवासी 55 वर्षीय बालाबाई मालवीय की तालाब में डूबने से मौत हो गई थी।इसके बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्मट के लिए जिला अस्पताल भेजा। वहीं मृतका का बेटा जब मां की लाश को लेकर जिला अस्पताल पहुंचा, तो उससे कहा गया कि मेडिकल कॉलेज ले जाओ, जब वह मेडिकल कॉलेज पहुंचा तो वहां के डॉक्टरों ने वापस जिला अस्पताल लौटा दिया। पोस्टमार्टम के लिए लगभग दो घंटे तक बेटा इधर से उधर लेकर भटकता रहा।
आरक्षक रूपसिंह ने बताया कि जब वह पीएम फार्म लेकर ड्यूटी पर मौजूद डा. राजकुमार वर्मा के पास पहुंचे तो उन्होंने कहा कि शव को मेडिकल कॉलेज ले जाओ, अब वहां पीएम होने लगे हैं। इसके बाद वो शव लेकर मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंचे, लेकिन वहां के प्रभारी डॉ. वैभव जैन ने पीएम फार्म में जिला अस्पताल का नाम भरा होने का हवाला देते हुए फिर जिला अस्पताल भेज दिया।
मेडिकल कॉलेज के डा. जैन का कहना है कि शव रेफर नहीं होते। फार्म में जिला अस्पताल का नाम भरा था, इसलिए शव को जिला अस्पताल भेजा गया। वहीं मृतक के पुत्र राजेश मालवीय का कहना था कि डॉक्टरों के अंदरूनी विवाद के कारण वह दो घंटे से अधिक समय तक शव को ट्रैक्टर-ट्राली में लेकर भटकता रहा।
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