हेमंत शर्मा,इंदौर। मध्यप्रदेश के बहुचर्चित व्यापमं घोटाला मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है. इंदौर सीबीआई कोर्ट ने 5 आरोपियों को 7 साल की सजा सुनाई है. जुलाई 2015 को व्यापमं घोटाले की जांच सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआई को सौंपी गई थी. जिसके बाद जांच कर यह कार्रवाई की गई है. इंदौर पुलिस ने मामले में 7 मुन्नाभाई को गिरफ्तार किया था.
इंदौर सीबीआई कोर्ट ने जिन आरोपियों को सजा सुनाई है, उनमें आरोपी संजय दुलावत, रविंद्र दुलावत, सत्यपाल कुस्तवार, आशीष और शैलेंद्र शामिल है. जिन्हें 7 साल की जेल हुई है. एक अन्य आरोपी श्यामवीर सिंह की प्रकरण की सुनवाई के दौरान ही मौत हो चुकी है. जबकि सीबीआई कोर्ट ने रामप्रिया दास को निर्दोष मानते हुए बरी कर दिया है. विशेष लोक अभियोजन रंजन शर्मा ने सीबीआई की तरफ से पूरे मामले की पैरवी की थी.
विशेष लोक अभियोजन रंजन शर्मा का कहना है कि एमपी में यह तीसरा मामला है, जब व्यापमं के आरोपियों को सजा सुनाई गई है. इससे पहले खंडवा में एक आरोपी को 5 साल की सजा मिली थी. इंदौर मामले में दो लोगों की जगह परीक्षा देने दो फर्जी लोग बैठे थे. इसमें दो लोग कॉर्डिनेटर थे. कोर्ट ने एक को बरी करते हुए सभी को सजा सुनाई है. जब से इस मामले की कार्रवाई चल रही थी, तब से सभी आरोपी जमानत पर बाहर चल रहे थे. आज सुनवाई के दौरान सभी आरोपी कोर्ट में पेश हुए थे. मजिस्ट्रेट ने मामले में फैसला सुनाते हुए कोर्ट से ही पांचों आरोपियों को जेल भेजने के आदेश जारी किए हैं.
बता दें कि व्यापमं घोटाला उजागर होने का सिलसिला साल 2013 में शुरू हुआ. जब इंदौर से 7 ‘मुन्नाभाई’ पकड़े गए थे. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर व्यापमं घोटाले की जांच जुलाई 2015 को सीबीआई को सौंपी गई थी. जिसकी जांच चल रही थी. जिस पर आज निर्णय हुआ है. मध्य प्रदेश के चर्चित व्यापमं घोटाले से जुड़े हजारों आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है. इस मामले में 48 लोगों की रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत हो चुकी है.
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