शब्बीर अहमद, भोपाल। देश भर में एक तरफ NEET और NET परीक्षा में धांधली को लेकर विवाद चल रहा है। परीक्षा आयोजित करवाने वाली NTA पर सवाल खड़े हो रहे हैं। वहीं इस बीच मध्य प्रदेश में कर्मचारी चयन मंडल बोर्ड (MPESB) का गजब कारनामा सामने आया है। मध्य प्रदेश में सरकारी नौकरी के लिए भर्ती परीक्षा आयोजित करवाने के लिए बोर्ड ने निजी कंपनी को टेंडर दिया है। इतना ही नहीं, उस कंपनी पर निगरानी करने के लिए एक और कंपनी को ठेका दिया गया है। कंपनियों को 200 करोड़ का टेंडर दिया गया है। 

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दरअसल मध्य प्रदेश में भर्ती परीक्षाओं के लिए दो एजेंसी नियुक्त की जाएगी। एक एजेंसी ऑनलाइन परीक्षा कराएगी तो दूसरी एजेंसी परीक्षा कराने वाली एजेंसी की निगरानी करेगी। कहा जा रहा है कि भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता लाने के लिए यह व्यवस्था की गई है। इस हैरान करने वाले फैसले से कर्मचारी चयन मंडल की परीक्षा व्यवस्था सवालों के घेरे में आ गई है। निजी कंपनियां से परीक्षा कराई जाने के मामले में कर्मचारी चयन मंडल पहले भी सवालों के घेरे में आ चुका है। इन कारनामों से अब बड़ा सवाल उठ रहा है कि आखिर डायरेक्टर कंट्रोलर और 100 से अधिक अधिकारी क्या काम करेंगे। यहां कई बड़े पद खाली है।  

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हालांकि एमपीईएसबी का मानना है कि भर्ती परीक्षाओं के निगरानी सिस्टम को और मजबूत करने निर्णय लिया गया है। जानकारी हो कि मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल कई प्रतियोगी परीक्षाओं की परीक्षा करवाता है। इसमेंम वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी, ग्रामीण विस्तार अधिकारी परीक्षा, पटवारी परीक्षा, मध्य प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा, मध्य प्रदेश नर्सिंग पैरामेडिकल परीक्षा है। 

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