दमोह. सिटी कोतवाली क्षेत्र बस स्टैंड पर बुधवार-गुरुवार की रात अचानक आग लग गई. जिसमें यहां पर खडी सात बसें पूरी तरह जलकर खाक हो गई हैं. आग छोटी सी थी लेकिन देखते ही देखते विकराल रूप लेकर आसपास की कई बसों को अपनी चपेट में ले लिया. फिलहाल आग लगने के कारणों का पता नहीं चल सका है. आग पर काबू पाने में दमकल और पुलिस कर्मियों की बड़ी भूमिका रही.
तीन घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया
जानकारी के मुताबिक गुरुवार सुबह यात्री रोजाना की तरह बस स्टैंड पहुंचे लेकिन यहां नजारा कुछ और ही था. हादसे की वजह से कई बसें रद्द हो चुकी. बस स्टैंड पर यह आग रात करीब दो बजे लगी. उसके बाद यहां मौजूद लोगों ने पुलिस और दमकल विभाग को इसकी जानकारी दी. खबर मिलते ही दमकल वाहन सहित यहां सीएसपी और पुलिस बल मौके पर पहुंच गया और आग बुझाने के प्रयास शुरू किए गए. करीब तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका.
तेज हवा और डीजल टैंक विस्फोट होने से भड़की आग
बस आपरेटर राजकुमार जैन, बंटी कुरेशी, समीर कुरैशी, रिंकू खान ने बताया कि उनकी बसें नियमित रूप से बस स्टैंड पर आकर खड़ी होती थीं. इसी बीच जब देर रात उन्हें आग की खबर फोन पर मिली. ऑपरेटर्स के मुताबिक आग में से बसों को निकालना बेहद मुश्किल था क्योंकि एक के बाद एक बस में लगातार आग लगती जा रही थी. हवा तेज होने के कारण आग फैल रही थी और डीजल टैंक लगातार ब्लास्ट होने से विस्फोट हो रहे थे. जिससे आग के बीच दूसरी बसों को निकालना बहुत ही मुश्किल हो गया था. हालांकि बस स्टैंड पर रोजाना ड्यूटी करने वाले आरक्षक महेंद्र ने वहां पार्क अन्य बसों को बचाने की कोशिश की. दो दर्जन से अधिक बसों को आरक्षक की मदद से आग से जलने से बचाया जा सका. बस मालिकों का कहना है कि फिलहाल उन्हें संयुक्त रूप से करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है.
सभी बसें नागपुर के लिए चलती थी
मौके पर पहुंचे सीएसपी अभिषेक तिवारी, मगरोन थाना प्रभारी मनोज यादव, देहात थाने के एएसआई राजीव पुरोहित सहित कोतवाली व अन्य पुलिस स्टाफ की मदद से आग पर पूरी तरह से काबू पाया जा सका. इस बीच दमोह नगर पालिका की दमकल के अलावा जिले के अन्य हिस्सों से तीन और दमकल वाहन बुलाए गए. बताया गया है कि आग लगने की घटना में राजकुमार जैन की एक बस, अरिहंत ट्रेवल्स की तीन बसें, समीर कुरैशी की एक बस तथा रिंकू खान की दो बसें जलकर पूरी तरह से खाक हो गई हैं. बताया गया है कि यह सभी यात्री बसें नागपुर व रहली सहित अन्य स्थानों के बीच नियमित रूप से चलती थी.