शिवपुरी। राज्य में केंद्र सरकार की मनरेगा जैसी योजना का बुरा हाल है. यही कारण है कि यहां के ग्रामीण क्षेत्रों के लोग बड़ी संख्या में रोजगार के लिए पलायन करते हैं. ताजा मामला राज्य के श्रम मंत्री के गृह जिले का है. ये हम नहीं बल्कि प्रशासन के आंकड़े कह रहे हैं.
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बता दें कि कुछ दिन पहले 91 बंधुआ मजदूरों को प्रशासन ने छुड़ाकर अपनी वाहवाही लूटी थी. इसी कड़ी में आज फिर 41 बंधुआ मजदूरों को महाराष्ट्र के सोलापुर से प्रशासन ने छुड़ाया है. अब सवाल यह उठता है कि आखिर बुंदेलखंड के इस जिले के मजदूरों को क्यों पलायन करना पड़ता है? क्या मनरेगा जैसी योजनाओं में मजदूरों को रोजगार नहीं मिल रहा है? छुड़ाए गए सभी मजदूर पन्ना जिले के सकरिया पंचायत के बताए जाते हैं.
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सभी मजदूर महाराष्ट्र के सोलापुर गए थे
जानकारी के अनुसार सभी मजदूर ठेकेदार के माध्यम से महाराष्ट्र के सोलापुर गए थे. एक माह से अधिक काम करने के बाद ना तो इनकों मजदूरी मिली और ना ही खाने की व्यवस्था की. प्रशासन को जब इसकी जानकारी लगी तो, वहां से सभी छुड़ाकर गृह गांव लाया गया. कई मजदूरों ने ठेकेदार द्वारा मारपीट किए जाने का भी आरोप लगाया है.
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सभी का कोरोना टेस्ट कराया जा रहा
कलेक्टर संजय कुमार मिश्रा ने बताया कि चूंकि सभी 41 मजदूर महाराष्ट्र से आए हैं, इसलिए सभी का कोरोना टेस्ट कराया जा रहा है.