हेमंत शर्मा, इंदौर। खरगोन जिले की रहने वाली प्रदेश की पहली आदिवासी महिला आईएएस मनीषा धार्वे आज इंदौर पहुंचीं। यहां पर जनजाति कार्य विभाग के मंत्री विजय शाह और जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया और उन्हें सम्मानित किया। मंत्री विजय शाह और तुलसी सिलावट ने IAS मनीषा को उनके सपनों को पूरा करने के लिए हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। साथ ही उन्हें मध्य प्रदेश के आदिवासी बच्चों के लिए प्रेरणा बनने की सलाह दी।
मंत्री ने IAS मनीषा धार्वे को यह भी कहा कि वह समय-समय पर आदिवासी बच्चों को प्रेरित करने के लिए आकर उन्हें मोटिवेट करें। आईएएस ने इस अवसर पर मीडिया से बात करते हुए अपने सफर को साझा किया। उन्होंने बताया कि कैसे एक मध्यमवर्गीय परिवार और छोटे से गांव से निकलकर वे इस पद तक पहुंचीं। अब वे अपनी आईएएस ट्रेनिंग के लिए मसूरी जाएंगी।गौरतलब है कि खरगोन के झिरनिया ब्लॉक के बोंदरान्या गांव से आई 23 साल की मनीषा धार्वे ने UPSC 2023 भारतीय प्रशासनिक सेवा में 257वीं रैंक हासिल की है। मनीषा धार्वे इससे पहले यूपीएससी के 3 प्रयासों में असफल रही, और UPSC 2023 में अपने चौथे प्रयास में सफलता हासिल की। इस सफलता को हासिल करने और अपने सपने को पूरा करने के लिए मनीषा ने कठिन यात्रा तय की है।
मनीषा धार्वे की प्राथमिक शिक्षा गांव में ही आंगनवाड़ी से शुरू हुई, जहाँ उन्होंने 5 साल बिताए। उन्होंने पहली से 8वीं तक की पढ़ाई गांव के सरकारी स्कूल में की। कक्षा 9वीं से 12वीं तक की पढ़ाई खरगोन के उत्कृष्ट विद्यालय में हुई। मनीषा में सीखने की चाहत थी इसलिए मनीषा ने 11वीं में मैथ्स और बायो दोनों विषय ले लिए। 10वीं में 75% और 12वीं में 78% अंक हासिल कर इंदौर के होलकर कॉलेज से बीएससी कंप्यूटर साइंस की डिग्री ली। इसी बीच मनीषा ने पीएससी की तैयारी भी शुरू कर दी।
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