भोपाल। हिंदू धर्म का प्रमुख पर्व होली को कहा जाता है। फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा की रात होलिका दहन किया जाता और इसके अगले दिन होली मनाई जाती है। वहींदेश में होली का उत्सव बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है, जिसकी तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। मध्य प्रदेश में होली की धूम सबसे ज्यादा देखने को मिलती है। यदि आपको असल में होली देखने का मन हो तो आप एमपी के इन इलाकों में जा सकते हैं। यहां की होली यूनेस्को में भी शामिल है।

कब है होलिका दहन
होलिका दहन 24 मार्च को है। इस दिन होलिका दहन के लिए शुभ मुहूर्त देर रात 11:13 बजे से लेकर 12:27 बजे तक है। इस शुभ मुहूर्त में आप पूजा कर सकते है।

यूनेस्को में शामिल है इंदौर की होली
मध्‍यप्रदेश का मिनी बॉम्बे इंदौर की होली और रंगपंचमी विश्‍व भर में प्रसिद्ध है। यहां धुरेंडी और रंगपंचमी के दिन होली ज्यादा खेली जाती है। वहीं यहां गेर निकालने की भी परंपरा है। गेर का अर्थ जुलूस होता है, जिसमें लाखों लोगों की भीड़ उमड़ती है। जिसमें सभी लोग रंगों से सराबोर होते हैं। होली और रंगपंचमी के दिन नगर निगम की तरफ से भी खास इंतजाम किए जाते हैं। इस दिन आलम यह होता है कि जमीं तो जमीं आसमान भी गुलाबी नजर आता है।

भगोरिया उत्सव
भगोरिया उत्सव आदिवासियों की होली है, जो झाबुआ-अलीराजपुर में खेली जाती है। जीवन और प्रेम का उत्सव होली जिसमें संगीत, नृत्य और रंगों के साथ यहां के लोग बड़े ही धूम धाम से मनाते हैं। इस समय यहां एक आदिवासी मेला भी लगता है। जिसमें हजारों आदिवासी नौजवान युवक-युवतियां सज-संवरकर पारंपरिक वस्त्रों में नजर आते हैं।

अंगारेवाली होली
मध्य प्रदेश के रायसेन जिले के दो गांवों में बड़े ही अनोखे तरह से होली मनाई जाती है। होली मनाने की परंपरा ग्राम चंद्रपुरा में और ग्राम मेंहगवा में सालों पुरानी है। होलिका दहन से लेकर रंग पंचमी तक यहां परंपरा का निर्वहन किया जाता है। यहां पर आग के अंगारों पर चलकर होली खेली जाती है। वहीं नाबालिग बच्चों से लेकर महिलाएं और बुजुर्ग तक इस अनोखे आयोजन में हिस्सा लेते हैं।

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