हेमंत शर्मा, इंदौर। कहते हैं अगर कुछ कर दिखाने की इच्छा शक्ति हो तो फिर उसे आने वाला तूफान भी नहीं रोक सकता है ऐसा ही कुछ कर दिखाने वाले इंदौर के आगम जैन है जो की सबसे कम उम्र में मून प्रोजेक्ट के लिए सेलेक्ट होकर भारत के पहले नागरिक बने हैं। आगम जैन ने बताया कि एनालॉग एस्ट्रोनॉट ट्रेनिंग प्रोग्राम लगभग एक हफ्ते का ट्रेनिंग प्रोग्राम था।

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बता दें कि आगम जैन सबसे कम उम्र के पहले भारतीय है, जो मून मिशन के लिए सिलेक्ट हुए हैं। आगम जैन बताते हैं कि इसमें पीएचडी किए हुए उनसे बड़ी उम्र के लोग शामिल थे। आज से 3 महीने पहले ‘नासा’ में उनका सिलेक्शन हुआ था और सिलेक्शन होने के बाद 4 महीने की इंटर्नशिप अलग-अलग प्रोजेक्ट में होना थी।  इसके साथ ही इस इंटर्नशिप में लगभग 12 लाख रुपए का खर्च आ रहा है। पहले दो प्रोजेक्ट में समाज जनों ने आर्थिक मदद की थी और अब वह प्रोजेक्ट पब्लिश होने के बाद उससे भी इनकम होने की आगम को उम्मीदें तो है ही, लेकिन आगम का कहना है उन्हें मध्य प्रदेश सरकार इंदौर सांसद और कलेक्टर से भी मदद की उम्मीद थी, लेकिन चुनाव के चलते उम्मीदें पूरी नहीं हुई। लेकिन अब नए मुख्यमंत्री मोहन यादव से उम्मीद है कि वह उच्च शिक्षा मंत्री भी रहे हैं तो वह इस परेशानी को काफी करीब से समझ सकते हैं और मेरी आर्थिक मदद करने में पूरा योगदान देंगे। 

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सागर के रहने वाले हैं आगम जैन

आगम जैन ने बताया कि मैं मूलत सागर का रहने वाला हूं और 5 साल पहले ही इंदौर शिफ्ट हुए थे। पिता एक सरकारी स्कूल में इंदौर में टीचर थे लेकिन कोरोना के समय वह भी नहीं रहे। इसके बाद सरकार से मिलने वाली पेंशन से ही घर खर्च चलता है और अब मून प्रोजेक्ट में सिलेक्ट होने के बाद पैसों की आवश्यकता भी होने वाली है और उम्मीद है कि अब मध्य प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री मोहन यादव आर्थिक मदद कर कर इंदौर का नाम रोशन करने वाले आगम जैन की मदद करेंगे। आगम ने मून प्रोजेक्ट में सिलेक्ट होकर ना केवल इंदौर का बल्कि पूरे भारत का नाम रोशन किया है। 

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