रायपुर। ईओडब्ल्यू के एडीजी मुकेश गुप्ता ने अपने ऊपर भूपेश बघेल द्वारा लगाए गए आरोपों पर सफाई दी है. उन्होंने लल्लूराम डॉट कॉम के तीरंदाज आशीष तिवारी से EXCLUSIVE बातचीत में अपना पक्ष रखा. अमेरिका से फोन पर बातचीत में उन्होंने कहा कि उनके ऊपर लगाए गए सारे आरोप भ्रामक और असत्य हैं.
एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा
लल्लूराम डॉट कॉम से एक्सक्लूसिव बातचीत में उन्होंने कहा कि वे साडा के एक्स ऑफिस मेंबर थे इस नाते उन्हें यह प्लॉट सब्सिडी रेट पर मिला था. मुकेश गुप्ता ने बताया कि साडा में एक्स ऑफिस मेंबर को सब्सिडी पर प्लॉट देने का प्रावधान था जिसके तहत सभी कलेक्टर और एसपी को प्लॉट आवंटित हुए थे. उन्हें मिला प्लाट इसी के तहत था.
भूपेश बघेल के आरोप पर जवाब
गौरतलब है कि आज कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल ने आरोप लगाया था कि एडीजी मुकेश गुप्ता को सस्ती दरों पर नियमों के विरुद्ध जाकर प्लॉट आवंटित हुआ था और इस मामले की जांच की मांग उन्होंने की थी. इस आरोप पर मुकेश गुप्ता ने भूपेश को पूरे तथ्यों के साथ जवाब दिया है.
मुकेश गुप्ता ने साफ किया कि प्लाट का आवंटन लेटर उन्हें दुर्ग पदस्थापना के दौरान एवम् साडा के एक्स ऑफिस मैंबर के रहते हुआ है. उन्होंने भूपेश के इस आरोप को भी खारिज किया कि उन्हें साडा भंग होने के बाद प्लॉट मिला है. उनका कहना है कि साडा के भंग होने के पहले उन्हें ये प्लॉट मिला. इस प्लॉट को खऱीदने की जानकारी उन्होंने तात्कालीन मध्य प्रदेश सरकार को विधिवत दी थी. सरकार ने इसे मान्य भी किया था. मुकेश गुप्ता ने साफ किया कि दुर्ग से उज्जैन पोस्टिंग अक्टूबर 1998 में हुई और उज्जैन नगर निगम को चेक देने की बात भी गलत है.
घर बनवाने पर भी सफाई
घर बनवाने के मसले पर भी मुकेश गुप्ता ने अपना पक्ष लल्लूराम डॉट कॉम के साथ साझा किया. उन्होंने बताया कि 2001 में घर के लिए अनुमति शासन से ली और इसे एसबीआई से लोन लेकर बनवाया. उन्होंने कहा कि तब शासन से भी लोन मिलता था.
उन्होंने आगे बताया कि 2006 में उन्होंने इसे बेच दिया. इस संबंध में भी शासन और आयकर विभाग को विधिवत सूचना दी गई. उन्होंने उज्जैन नगर निगम संबंधी सभी बातों को असत्य बताया है. उन्होंने कहा कि 1995 में उनके साडा सदस्य होने की बात असत्य और भ्रामक है क्योंकि उस दौरान वे दुर्ग एसपी नहीं बल्कि एसपी बालाघाट थे