महाराष्ट्र सरकार 17 अगस्त को आधिकारिक तौर पर ‘मुख्यमंत्री माझी लड़की बहन योजना’ शुरू करने जा रही है. इस योजना के तहत राज्य की एक करोड़ से ज्यादा महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये दिए जाएंगे. मध्य प्रदेश की ‘लाडली बहना योजना’ की तर्ज पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भरोसा दिलाया है कि यह योजना अस्थायी नहीं होगी और अनिश्चित काल तक जारी रहेगी.

इस योजना को मुख्यमंत्री ने आगामी रक्षा बंधन त्योहार से भी जोड़ा है. इस योजना के ज़रिए राज्य की महिलाओं के हितों की रक्षा करने की गारंटी दी गई.

कैसे कराएं रजिस्ट्रेशन

महाराष्ट्र सरकार ने नारी शक्ति धूत नाम से एक App लॉन्च किया है, जिसके ज़रिए योजना के लिए पात्र महिलाएं आसानी से ऑनलाइन आवेदन कर सकती हैं. ऑनलाइन आवेदन करने में असमर्थ महिलाओं के लिए स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों जैसे कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और ग्राम सेवकों को महिलाओं को आवेदन करने में मदद करने का काम सौंपा गया है. इस योजना में आवेदन करने के लिए कोई शुल्क नहीं है.

क्या है इसकी पात्रता

इस योजना के लिए पात्र होने के लिए महिलाओं को महाराष्ट्र राज्य की स्थायी निवासी होना जरूरी है. यह योजना केवल 21 से 65 वर्ष की आयु की महिलाओं के लिए ही लागू है. यह योजना केवल उन महिलाओं के लिए लागू है जिनके परिवार या घरेलू आय प्रति वर्ष ₹2.5 लाख से कम है.

अधिकारियों ने योजना के लिए आवेदन करने वालों से अपने आधार कार्ड को बैंक खातों से जोड़ने का भी आग्रह किया है ताकि सत्यापन और फंड ट्रांसफर में देरी से बचा जा सके. महाराष्ट्र के बैंकों को भी इस प्रक्रिया में मदद करने की सलाह दी गई है.

क्या है लाभ?

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार की प्रमुख योजना 17 अगस्त को शुरू होगी, लेकिन जुलाई को इसका शुरुआती महीना माना जा रहा है. योजना के लिए पात्र 30 लाख से अधिक महिलाओं को शुरुआती परीक्षण के तौर पर उनके बैंक खातों में ₹3,000 मिले हैं. राज्य में पात्र महिलाओं को 1,500 रुपये प्रति माह प्रदान करने वाली वित्तीय सहायता योजना से राज्य के खजाने पर सालाना ₹46,000 करोड़ खर्च होने का अनुमान है.

एकनाथ शिंदे ने यह भी कहा, “मैं केवल इतना कहना चाहता हूं कि हम उन्हें केवल 1,500 रुपये नहीं देंगे, हम उन्हें स्वतंत्र बनाएंगे, हम उन्हें आत्मनिर्भर बनाएंगे. महिलाओं को अधिक आत्मनिर्भर, आत्म-स्वतंत्र और आत्म-सम्मानित बनाने के PM नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के तहत हम उन्हें सरकार की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से अधिक वित्तीय सहायता प्रदान करेंगे.”