छत्तीसगढ़ में किसानों की आय में बढ़ोत्तरी और पर्यावरण सुधार के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण ‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना‘ शुरु की गई है. जिसका क्रियान्वयन वन और जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा किया जा रहा है. प्रदेश में पर्यावरण को लेकर सरकार कई योजनाएं संचालित कर रही है. पर्यावरण सुतंलन की ओर सरकार का पूरा फोकस है. वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना भी इसका एक उदाहरण है. जिससे वृक्षारोपण के प्रति लोगों की रुचि बढ़ रही है.

प्रदेश के 23 हजार 600 किसानों ने अब तक 36 हजार 230 एकड़ जमीन पर वाणिज्यिक वृक्षारोपण के लिए पंजीयन कराया है. इस योजना के माध्यम से किसानों को सालाना प्रति एकड़ 15 से 50 हजार रुपये तक की आय होने का अनुमान है. इसके अलावा कार्बन क्रेडिट के माध्यम से भी किसानों को आमदनी होगी। इस योजना में पांच एकड़ में वाणिज्यिक वृक्षारोपण करने वाले हितग्राहियों को शत-प्रतिशत अनुदान तथा पांच एकड़ से ज्यादा वृक्षारोपण करने वाले हितग्राहियों को 50 प्रतिशत अनुदान देने का प्रावधान है. ‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना‘ में पहली बार चिन्हित प्रजातियों के वृक्षों के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी की गारंटी भी दी गई है.

मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना का लाभ किसान, इच्छुक भूमि स्वामी, शासकीय, अर्ध शासकीय और शासन के स्वायत्त संस्थाएं, निजी शिक्षण संस्थाएं, निजी ट्रस्ट, पंचायत समेत भूमि अनुबंध धारक उठा सकते हैं. छत्तीसगढ़ में योजना के तहत विभिन्न प्रजाति के वृक्ष का रोपण किया जाना है. इनमें क्लोनल यूकलिप्टस, रूटशूट टीक, टिश्यू कल्चर, चंदन, मेलिया दुबिया, सामान्य बांस, टिश्यू कल्चर बम्बू, रक्त चंदन, आंवला, खमार, शीशम और महानीम आदि के पौधे रोपे जाएंगे. ये योजना हितग्राहियों के लिए आर्थिक दृष्टि से लाभप्रद होने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण और मृदा संरक्षण की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण साबित होगी. इस योजना से काष्ठ आधारित उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा.

छत्तीसगढ़ में शुरु की गई ‘मुख्यमंत्री वृ़क्ष संपदा योजना‘ बड़े पैमाने पर वाणिज्यिक वृक्षारोपण को बढ़ावा देने का राष्ट्रीय स्तर पर पहला बड़ा अभियान है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विश्व वानिकी दिवस के अवसर पर 21 मार्च को इस योजना का शुभारंभ किया। इस योजना के तहत छत्तीसगढ़ में पांच वर्षों में एक लाख 80 हजार एकड़ निजी भूमि में चिन्हित प्रजातियों के 15 करोड़ वृक्ष लगाने का लक्ष्य है.

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