चंद्रकांत देवांगन,दुर्ग। छत्तीसगढ़ी लोकगायिका कंठकोकिला जयंती यादव की आर्थिक तंगी की खबर सुनने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पत्नी मुक्तेश्वरी बघेल को रहा नहीं गया. उन्होंने मुख्यमंत्री के ओसडी मनीष बंछोर से तत्काल लोकगायिका को ससम्मान सीएम हाउस भिलाई 3 लाने की बात कही. सीएम हाऊस पहुंचते ही मुक्तेश्वरी बघेल ने कंठकोकिला को सम्मानित किया और 1 लाख के नगद राशि देकर आर्थिक रूप से सहयोग भी किया. खास बात यह रही यह राशि मुक्तेश्वरी बघेल ने अपने जमा पैसों में से दिया है.
मुक्तेश्वरी बघेल को सोशल मीडिया में खबर देखने के बाद जब उन्हें पता चला कि उनके पिता के द्वारा लिखे गीत को सर्वप्रथम बार जयंती यादव ने गाया है, तो वे उनसे मिलने उनके घर ही जाना चाहती थी, लेकिन जब जयंती यादव से फोन पर बात किया गया, तो उन्होंने खुद सीएम हाउस पहुंचने की बात कही. मुख्यमंत्री निवास तक लाने विशेष गाड़ी के जरिये जयंती को लाया गया. जयंती यादव मुख्यमंत्री के निवास के भीतर ससम्मान प्रवेश किया ना किसी ने रोका ना ही कोई जांच की गई. मुख्यमंत्री निवास पहुंचते ही जैसे ही मुक्तेश्वरी बघेल को जयंती के आने जानकारी मिली वे तुरंत बाहर आकर जयंती यादव से आत्मिव भाव से मुलाकात किया.
इस दौरान मुख्यमंत्री की पत्नी खुद खड़ी रही और जयंती को बैठाकर उनका सम्मान किया. जयंती ने अपने आप को सम्मान मिलने के बाद कई गीतों को गाया जिसे मुक्तेश्वरी बघेल ने ध्यान से सुना. इस पल जैसे ही जयंती यादव को पता चला कि जिस अरपा पैरी गीत को उन्होंने पहली बार गाया उसके रचयिता खुद मुक्तेश्वरी बघेल के पिता ही थे. तब उनके खुशी का ठिकाना नहीं रहा. दोनों हाथों को जोड़कर जयंती ने अपने गुरु के बेटी को सादर नमन किया और यह भी बताया कि कैसे उनके पिता नरेंद्र देव वर्मा और हरी ठाकुर के बीच गीतों को लेकर प्रतियोगिता रहती थी. दोनों के लिखे पुराने गीतों को जयंती ने जैसे ही गाया वैसे ही मुक्तेश्वरी बघेल भाव विभोर हो गई. मानों उन्हें अपने पिता के गीत सून उनके होने का अहसास हो गया हो.
काफी गीतों और तब के कहानियों को जयंती ने मुक्तेश्वरी बघेल से सांझा किया. निकलते समय भी मुक्तेश्वरी ने उन्हें पूरी मदद का भरोसा दिलाया और साथ में खड़े होकर फ़ोटो खिंचवाई. जयंती ने भी खबर प्रसारित होने के बाद सवेंदन शीलता के सतह तत्काल उन्हें मदद करने के लिए धन्यवाद दिया.
जयंती ने कहा अब लोककलाकारों के अच्छे दिन और ऊर्जा मिल गई है. मुख्यमंत्री को भी धन्यवाद देते हुए कहा कि पिछले कई सालों से वे अपनी पीड़ा का बखान कर रही थी लेकिन किसी ने भी नहीं सुना. भूपेश बघेल की पत्नी ने उन्हें जो सम्मान दिया उससे उनके सभी तकलीफ दूर हो गए.