Multi-Cap Funds Details: अगर आप कम जोखिम वाली ऐसी स्कीम में निवेश करना चाहते हैं जहां आपको एफडी से ज्यादा रिटर्न मिले तो आप म्यूचुअल फंड की मल्टी-कैप स्कीम में निवेश कर सकते हैं. इस कैटेगरी के फंडों ने पिछले 1 साल में 52% तक का रिटर्न दिया है.

सबसे पहले समझें कि मल्टी-कैप फंड क्या हैं?

मल्टी-कैप फंड के तहत लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप में निवेश किया जाता है. सेबी के नए नियमों के मुताबिक मल्टीकैप फंड में 25-25 फीसदी हिस्सेदारी लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप में रखनी होगी. फंड मैनेजर को कम से कम 75% निवेश इक्विटी और इक्विटी ओरिएंटेड फंड में रखना चाहिए.

मान लीजिए कि फंड मैनेजर के पास निवेशकों से कुल 100 रुपये हैं. यहां फंड मैनेजर को इक्विटी और इक्विटी ओरिएंटेड फंड में न्यूनतम 75 रुपये का निवेश करना होगा. जिसमें लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप में 25-25 रुपये निवेश करना होगा. बचे हुए 25 रुपये को फंड मैनेजर अपनी सुविधा के अनुसार निवेश कर सकता है.

इनमें जोखिम कम होता है

यदि आप इक्विटी फंड में निवेश करना चाहते हैं लेकिन उच्च जोखिम नहीं लेना चाहते हैं, तो आप टॉप-रेटेड मल्टी-कैप फंड में निवेश कर सकते हैं. ये फंड बाजार पूंजीकरण के अनुसार भी अच्छी तरह से विविधीकृत हैं.

बाजार स्थिर होने पर ये फंड छोटे और मिड-कैप फंडों की तुलना में कम रिटर्न दे सकते हैं लेकिन अस्थिर बाजार स्थितियों में ये कम जोखिम भरे होते हैं. इसलिए, यदि आप ऐसा फंड चाहते हैं जिसमें जोखिम कम हो तो मल्टी-कैप फंड आपके लिए सही निवेश विकल्प हो सकते हैं.

मल्टी कैप फंड में किसे निवेश करना चाहिए?

जो निवेशक इक्विटी में निवेश करना चाहते हैं लेकिन बहुत अधिक जोखिम नहीं लेना चाहते वे इन फंडों में निवेश कर सकते हैं. पोर्टफोलियो में विविधता लाने के लिए यह एक अच्छा विकल्प है. जो निवेशक एक ही पोर्टफोलियो में जोखिम और अस्थिरता के बीच संतुलन बनाना चाहते हैं, वे मल्टी-कैप फंड का विकल्प भी चुन सकते हैं.

SIP के जरिए निवेश करना बेहतर रहेगा

म्यूचुअल फंड में एक साथ पैसा लगाने की बजाय सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी एसआईपी के जरिए निवेश करना चाहिए. एसआईपी के जरिए आप हर महीने एक निश्चित रकम निवेश करते हैं. इससे जोखिम और भी कम हो जाता है क्योंकि इस पर बाजार के उतार-चढ़ाव का ज्यादा असर नहीं होता है. इसके अलावा आप SIP के जरिए एक बड़ा फंड भी आसानी से तैयार कर पाएंगे.