रोहित कश्यप, मुंगेली। शिक्षा विभाग में पिछड़ते कामकाजों की समीक्षा कर रहे कलेक्टर का उस वक्त माथा ठनक गया, जब विभाग के जिला स्तर के शीर्ष अधिकारी स्कूलों में दर्ज और शिक्षकों की संख्या जैसे सामान्य सवालों का जवाब देने एक दूसरे का बगल झांकने लगे. कलेक्टर को जिले में शिक्षा विभाग की दशा भांपने में वक्त नहीं लगा और उन्होंने फिर 1-2 घंटे चलने वाले समीक्षा बैठक रात 12 बजे तक पूरे 10 घंटे चलाए. इस दौरान आलम ये रहा कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों से मिलने वाली जानकारियां कलेक्टर को बाबुओं से लेना भी पड़ी.
ऐसे में जाहिर है कलेक्टर का माथा ठनकना, फिर क्या था देर रात तक बाबुओं से लेकर डीईओ और डीएमसी की जमकर क्लास ली. इस दौरान कलेक्टर के कोप भांजन का शिकार भी कुछ कर्मचारी हो गए. एक कर्मचारी के काम से कलेक्टर इतने नाराज हुए कि उन्हें हाथोंहाथ निलंबन आदेश थमवा दिया गया. वहीं एक कलेक्टर दर के कर्मचारी को अंतिम मौका देते हुए सुधरने का मौका दिया गया. आखिर में कलेक्टर ये कहते हुए निकले कि इतनी देर समीक्षा और दिशा निर्देश के बाद भी जिले में विभाग के कामकाज में सुधार नहीं हुआ तो ब्लॉक और जिला स्तर के अधिकारियों पर भी गाज गिरना तय है.
क्या था पूरा मामला ?
कलेक्टर राहुल देव ने शुक्रवार दोपहर 2 बजे से रात 12 बजे तक करीब 10 घंटे तक शिक्षा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की बैठक लेकर विभागीय कामकाज की गहन समीक्षा की. बैठक में कलेक्टर ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों से उनके द्वारा किए जा रहे विभागीय कामकाज के संबंध में जानकारी ली. इस दौरान कई अधिकारी और कर्मचारियों द्वारा संपादित किए जाने वाले कार्यों का ठीक से जवाब नहीं दे पाने पर कलेक्टर ने जमकर फटकार लगाई और कहा कि आपलोगों को जो जिम्मेदारी दी गई है, उसका गंभीरतापूर्वक निर्वहन करें. इसमें लापरवाही या कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
कलेक्टर ने शिक्षा विभाग के आवक-जावक शाखा में कार्यरत सहायक ग्रेड 3 अमितेश केशरवानी को कार्य में लापरवाही बरतने पर तत्काल हाथों-हाथ निलंबित लेटर थमाया. वहीं छात्रवृत्ति योजना में गंभीरतापूर्वक कार्य नहीं करने पर कलेक्टर दर पर कार्यरत कर्मचारी अमन पाठक को ठीक से कार्य करने के लिए अंतिम चेतावनी दी.
इन बिंदुओं पर समीक्षा
समीक्षा बैठक में कलेक्टर ने नवीन शिक्षा सत्र में जिले के सभी शासकीय स्कूलों में आवश्यक तैयारी और व्यवस्था, आगामी सत्र में निःशुल्क गणवेश (यूनिफॉर्म) और पाठ्यपुस्तक वितरण, मध्यान्ह भोजन, छात्रवृत्ति के लंबित प्रकरण, खाता सत्यापन और खाता में सुधार और पोर्टल अपडेट की अद्यतन स्थिति, जर्जर स्कूल भवनों का मरम्मतीकरण, शिक्षा के अधिकार के तहत लक्ष्य के अनुरूप स्कूलों में विद्यार्थियों का प्रवेश, निःशुल्क सायकल वितरण, जाति प्रमाण पत्र, महतारी दुलार योजना के तहत छात्रवृति, विकासखंडवार स्कूलों में शिक्षकों और विद्यार्थियों की संख्या, जिले में संचालित बालवाड़ी, उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम और हिंदी माध्यम स्कूल, दिव्यांग और शाला त्यागी बच्चों का चिन्हांकन, समावेशी शिक्षा, विद्यांजलि पोर्टल पर पंजीकृत विद्यार्थियों की संख्या, कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय, स्कूली बालिकाओं को आत्मरक्षा के लिए प्रशिक्षण, स्मार्ट क्लास, मदरसा, स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं का जिले में क्रियान्वयन आदि के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी ली और आवश्यक निर्देश दिए.
आत्मानन्द स्कूल को लेकर सख्त
कलेक्टर ने शासन की महत्वाकांक्षी स्वामी आत्मानंद स्कूल में प्रवेश प्रक्रिया की जानकारी लेते हुए कहा कि भर्ती प्रक्रिया पूरी पारदर्शितापूर्वक हो. उन्होंने कहा कि यह शासन की महत्वकांक्षी योजना में से एक है और इस योजना में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने विद्यालयों में प्रवेश से लेकर शैक्षणिक गतिविधियों, रिक्त पदों के साथ ही आगामी कार्ययोजना के संबंध में विस्तृत चर्चा की और आवश्यक निर्देश दिए. कलेक्टर ने कहा कि जिले के सभी स्कूल में उत्कृष्ट पढ़ाई हो और बच्चे के ज्ञान और समझ में वृद्धि हो, इसे ध्यान में रखते हुए कार्य करें.
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