रोहित कश्यप, मुंगेली। भले ही हम आधुनिक और डिजिटल युग मे प्रवेश कर चुके हैं, लेकिन आज भी ग्रामीण अंचलों में लोग झोलाछाप डॉक्टरों के झांसा में आकर कहीं जान गवां रहे हैं. जागरुकता की कमी की वजह से कहीं जान गंवानी पड़ रही है तो कहीं हाथ और पैर गंवाने की नौबत आ जा रही है. ताज़ा मामला मुंगेली में एक बार फिर देखने को मिला है, जहां एक 9 वर्षीय मासूम के हाथ में पेड़ से गिरने से चोट लगी थी. झोलाछाप डॉक्टर से इलाज के चक्कर में हाथ की नसें और नलियां बंद होने और सड़ने की स्थिति में आ गई थी. हालांकि जिला अस्पताल में पदस्थ हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर की टीम ने सफल उपचार कर मासूम के हाथ को काटने से बचा लिया.

यह है पूरा मामला

4 मार्च 2023 को पथरिया क्षेत्र के जुनवानी निवासी 9 वर्षीय थानेश वर्मा कपास के पेड़ से गिर गया ,जिससे उसके हाथ मे गंभीर रूप से चोट लग गई, जिसे लेकर परिजन एक झोलाछाप डॉक्टर के पास पहुंचे. जहां मालिश कर बिना किसी जांच के अति तंग पट्टी एवं प्लास्टर बांधा गया. अति तंग पट्टी बंधने के कारण दाहिने हाथ में सूजन बढ़ने लगी. धीरे धीरे नसें और खून की नलियां बंद होने लगी.

15 दिन बाद स्थिति बिगड़ने पर परिजन उसे लेकर मुंगेली के जिला अस्पताल पहुंचे. जहां पदस्थ अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ श्रेयांश पारख ने संम्पूर्ण जांच के बाद बताया कि 2 हफ्ते तक हाथ टाइट बंधे रहने की वजह से सड़न की कगार पर पहुंच चुका है, जिससे हाथ काटना पड़ सकता है. हालांकि डॉक्टर श्रेयांश पारख एवं उनकी टीम ने जटिल एवं सफल दो ऑपरेशन करने के बाद बेहतर उपचार करते हुए 9 वर्षीय मासूम का हाथ चोट के 15 दिन बाद काटने से बचा लिया, नहीं तो हाथ काटने की स्थिति आ गई थी.

अब मासूम को उचित एवं बेहतर चिकिस्ता सुविधा दी जा रही है. वहीं मरीज के परिजनों ने डॉ पारख की टीम एवं अस्पताल प्रबंधन के प्रति आभार व्यक्त किया है. इधर जिला अस्पताल में पदस्थ विशेषज्ञ डॉक्टरों की उपस्थिति एवं अपने कार्यों के प्रति समर्पण भावना से लोगों का जिला अस्पताल के प्रति विश्वास बढ़ रहा है.

झोलाछाप डॉक्टरों पर नकेल की जरूरत

जिले में शहर से लेकर ग्रामीण अंचलों में आज भी झोलाछाप डॉक्टरों का बोलबाला है, जिनके झांसे में आकर भोलेभाले लोगों को जान भी गंवानी पड़ी रही है. समय रहते इस दिशा में स्वास्थ्य विभाग के साथ ही जिला प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों को कठोर कदम उठाए जाना चाहिए, ताकि लोगों की सेहत और जान से खिलवाड़ न हो सके. इसके लिए समय समय पर न सिर्फ निगरानी, कार्रवाई बल्कि जागरूकता अभियान भी चलाने की जरूरत है.

मुंगेली में झोलाछाप
मुंगेली में झोलाछाप

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