रोहित कश्यप,मुंगेली। नगर पालिका क्षेत्र में पूर्ण विकसित कॉलोनी का सपना दिखाकर अधूरे कॉलोनी बनाने का मामला खूब चल पड़ा है. कॉलोनाइजर के द्वारा प्लॉट और मकान बेचते समय हर वो सुविधाएं प्रदान करने का वायदा ग्राहक के साथ किया जाता है, जो वहां के लोगों को मिलना चाहिए. लेकिन बाद ऐसा होता कुछ भी नहीं हुआ.

पूरा मामला सोनकर सिटी कॉलोनी का है. इस कॉलोनी को श्याम बिल्डकॉन ने विकसित किया है. जिसके प्रोपाइटर मुंगेली निवासी आशीष सोनकर और अभिषेक सोनकर है, जो कि 13 लाख रुपए के नाली घोटाले में एफआईआर दर्ज होने के बाद फरारी काट रहे नगर पालिका अध्यक्ष संतुलाल सोनकर का बेटा है. 2011-12 में विकसित इस कॉलोनी को विकसित करते समय प्रोपाइटर ने टाउन एंड कंट्री नियमो के तहत कॉलोनीवासियों को सड़क, नाली, बिजली, पानी, गार्डन, बाउंड्रीवाल, मुख्य द्वार आदि सुविधाएं देने का वायदा किया गया था.

इसी झांसे में आकर यहां के रहवासियों ने उस वक्त भूखंड खरीदकर मकान बनवाया, लेकिन 10 साल गुजर जाने के बाद भी यहां के वार्डवासियों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिला पाई है. हद तो तब हो गई जब इसी कॉलोनी में ईडब्लयूएस के लिए छोड़ी गई. जमीन को नगर पालिका मुंगेली से फर्जी दस्तावेज प्राप्त कर बेच दिया गया है.

शिकायतकर्ता कॉलोनी वासियों का कहना है कि मूलभूत सुविधाओं के लिए कई बार प्रोपाइटर से कहा गया है. मगर उनके द्वारा राजनैतिक और प्रशासनिक अप्रोच का रुतबा झाड़ते हुए आज तक इस ओर ध्यान नहीं दिया गया. जिसके चलते यहां रह रहे लोग मूलभूत सुविधाओं के अभाव में नरकीय जीवन जीने को मजबूर है.

यही वजह है कि अब कॉलोनी वासियों ने इस पूरे मामले पर कलेक्टर अजीत वसंत से शिकायत करते हुए प्रोपाइटर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग किया गया है. जिस पर कलेक्टर ने शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए मामले में जांच कराने की बात कही गई है.

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