मनेंद्र पटेल, दुर्ग। नगर पालिक निगम भिलाई में सोमवार को सामान्य सभा बुलाई गई. इस सभा में महापौर नीरज पाल ने अपना तीसरा बजट पेश किया. इस दौरान सदन की कार्यवाही गहमा गहमी पूर्ण रही. मेयर नीरज पाल ने 718 करोड़ का अनुमानित बजट प्रस्तुत कर 98 करोड़ लाभ का बजट पेश किया है. लेकिन विपक्ष की आपत्ति के बाद इसमें आगामी 7 मार्च को सामान्य सभा के माध्यम से चर्चा की जाएगी. इसके बाद बजट प्रस्ताव पास किया जाएगा.
महापौर नीरज पाल ने आज नगर पालिका निगम भिलाई का आम बजट निगम सामान्य सभा में पेश किया. इस बजट में महापौर नीरज पाल ने 718 करोड़ रुपये के बजट के खिलाफ 98 करोड़ लाभ का बजट प्रस्तुत किया. जिसमें 20 करोड़ की लागत से यूथ हब तक्षशील निर्माण , बिजनेस प्रोसेसिंग आउटसोर्सिंग सेंटर, स्टार्टअप को बढ़ावा, भिलाई सिटी एप, साइंस सेंटर का निर्माण, म्युनिसिपल बॉन्ड, एन आर आई मद की स्थापना, जैसे कार्य के लिए प्रावधान किया गया है. लेकिन मेयर के पूरे बजट को नेता प्रतिपक्ष भोजराज सिन्हा ने इसे जनता को धोखा देने वाला बजट बताया.
उन्होंने कहा कि मेयर ने पिछले साल यानी 2023-24 में 667 करोड़ रुपये का अनुमानित बजट प्रस्तावित किया था. वो वास्तविक में 413 करोड़ रहा. इस तरह से 257 करोड़ रुपये का अनुमान शहर वासियों के लिए धोखा है. इसी तरह इस बार 718 करोड़ का अनुमानित बजट पेश किया है. जबकि वास्तिक रूप से यह 400 करोड़ रुपये से भी कम होगा. लेकिन विपक्ष ने इस बजट को पूरी तरह से भिलाई की जनता के साथ धोखा बताया. बजट भाषण के पश्चात भाजपा के नेता प्रतिपक्ष ने प्रस्तावित बजट पर 7 मार्च को सभी पार्षद के बीच बजट पर चर्चा की मांग रखी. उन्होंने कहा कि बजट से पहले अन्य पार्षदों से भी चर्चा नहीं की गई. वे भी शहर के विकास को लेकर अपना सुझाव दे सकते हैं. इसके लिए 6 मार्च तक सभी पार्षदों से प्रश्न मांगे गए हैं. पार्षदों के प्रश्नों के जवाब प्रश्नकाल में मेयर द्वारा दिया जाएगा. वहीं सदन में ने राजनीतिक प्रतिनिधियों के सम्मान को लेकर भी दोनो पक्षों में बहस हुई.
दरअसल, निगम के नेता प्रतिपक्ष भोजराज सिन्हा ने सभापति से विधायक प्रतिनिधि और नए जिलाध्यक्ष के सम्मान की अनुमति मांगी. सभापति ने अनुमति भी दे दी. लेकिन कांग्रेस पार्षद भूपेंद्र यादव ने इस पर आपत्ति जताई. यादव ने कहा कि किस नियम के तहत इस सदन में जिलाध्यक्ष महेश वर्मा और विधायक प्रतिनिधि का सम्मान हो रहा है. यह सदन है कोई राजनीतिक अखाड़ा नहीं है. इसको लेकर भाजपा पार्षदों ने जमकर विरोध किया.
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