हकिमुददीन नासिर, महासमुन्द। महासमुंद नगरवासियों को एक ही स्थान पर खाने-पीने की चीजों के साथ-साथ मनोरंजन के लिए 47 लाख रुपए की लागत से चौपाटी बनाया गया था. अब नगर पालिका प्रशासन ने आश्चर्यजनक फैसले में इस चौपाटी को अस्थाई गौठान बना दिया है. जानने-समझने वाले लोगों की छोड़िए इस सवाल पर आम लोग तक सवाल उठा रहे हैं.
बता दें कि दो साल पहले नगरपालिका ने बीटीआई रोड स्थित गुरु तेगबहादुर गार्डन के सामने 47 लाख रुपए खर्च कर चौपाटी का निर्माण कराया था, जो एक वर्ष मे ही बनकर तैयार हो गया. चौपाटी निर्माण का उद्देश्य था कि एक ही स्थान पर नगरवासियों को गार्डन के साथ खाने-पीने का सामान मिल सके. लेकिन आज तक चौपाटी का शुभारंभ नहीं किया गया.
नगरपालिका प्रशासन ने यहां चाट, पकौड़े, गुपचुप के ठेलों को लगवाने के बजाय अस्थायी गौठान बना दिया है. अब आलम यह है कि अस्थायी गौठान बनाये जाने से चौपाटी के अन्दर लगाए गए चेकर टाइल्स टूट रहे हैं. चारों तरफ गोबर ही गोबर नजर आता है. चौपाटी के अन्दर बनाये गए दुकानों के सामने लगाये गये टाइल्स गोबर से खराब हो रहे हैं.
गौरतलब है कि नगरपालिका ने 40 लाख रुपयों से दो स्थानों पर गौठान का निर्माण कराया जा रहा है, और नगरपालिका प्रशासन चौपाटी मे कुछ काम होना बाकि बताते हुए शासन से पैसों की मांग कर रहा है. नगरपालिका प्रशासन चाहे तो चौपाटी में बने 6 दुकानों को नीलाम करके चौपाटी के अधूरे कार्य को पूरा करके चौपाटी को शुरू कर सकता है, लेकिन ऐसा न कर अस्थायी गोठान बनाना समझ से परे है.
इस मामले मीडिया ने जब सीएमओ एके हलदर से सवाल किया तो वे अपना ही तर्क देने लगे. वे कहने लगे कि शहर के अंदर लगातार आवारा मवेशियों से सड़क हादसे होते है, इसलिए इसे अस्थायी गोठान बनाया गया है.
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