राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने सोमवार को 2023 के लिए अपराध संबंधी आंकड़े जारी किए। रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2022 की तुलना में 2023 में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अपराध में लगभग 8% की वृद्धि दर्ज की गई। एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, 2023 में भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत कुल 3.23 लाख मामले दर्ज किए गए, जबकि 2022 में यह संख्या 2.98 लाख थी। इस वृद्धि से राजधानी में अपराध नियंत्रण और सुरक्षा की चुनौतियों पर नई बहस छिड़ गई है।

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राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2023 में भारत के 19 महानगरीय शहरों में IPC के तहत दर्ज किए गए अपराधों में दिल्ली शीर्ष पर रही। 2023 में IPC के तहत कुल 3.23 लाख मामले दर्ज किए गए। इसका मतलब है कि प्रति लाख जनसंख्या पर लगभग 1,983.1 अपराध हुए। दिल्ली में आरोप-पत्र दाखिल करने की दर 28.7 प्रतिशत रही, जो सभी महानगरों में सबसे कम है।

इस आंकड़े से यह संकेत मिलता है कि राजधानी में अपराध का स्तर उच्च है, जबकि पुलिस जांच और आरोप-पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया अपेक्षाकृत धीमी रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह सुरक्षा चुनौतियों और न्यायिक प्रणाली में सुधार की आवश्यकता को रेखांकित करता है।

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हिंसक अपराधों का विवरण

साल 2023 में हिंसक अपराधों में 11,014 मामले दर्ज किए गए, जो साल 2022 (11,369) की तुलना में मामूली गिरावट दर्शाता है। हिंसक अपराधों के प्रमुख आंकड़े इस प्रकार हैं:

हत्या: लगभग 500 मामले

हत्या के प्रयास: 753 मामले

गंभीर चोट/हत्या का प्रयास: 371 मामले

दहेज हत्या: 114 मामले

अपहरण एवं व्यपहरण: 5,681 मामले

डकैती: 1,644 मामले

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किन-किन कारणों से की गई हत्याएं

साल 2023 में दिल्ली में मर्डर (हत्या) के मामले 503 दर्ज किए गए, जबकि साल 2022 में यह संख्या 501 थी।

आंकड़े बताते हैं कि अधिकांश हत्या के मामलों के पीछे कारण रहे:

व्यक्तिगत दुश्मनी या विवाद

अवैध संबंध या प्रेम प्रसंग

डकैती, लूट या मौद्रिक विवाद

हालांकि कुल हिंसक अपराधों में मामूली गिरावट आई है (2023 में 11,014 मामले, 2022 में 11,369), लेकिन हत्या के मामलों में हल्की बढ़ोतरी ने सुरक्षा पर चिंताएं बढ़ा दी हैं। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, अधिकांश हत्याएं अचानक गुस्से में आकर की गईं। एक अधिकारी ने बताया कि “ज्यादातर मामलों में अपराध उकसावे या विवाद के चलते हुए और कुछ शराब के नशे में किए गए।”

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चोरी के मामले में भी दिल्ली सबसे आगे

साल 2023 में दिल्ली में चोरी के मामलों में बड़ी वृद्धि दर्ज की गई। राजधानी में कुल दो लाख से ज्यादा चोरी के मामले दर्ज किए गए। विशेष रूप से, मोटर वाहन (MV) चोरी के मामले लगभग 40,000 दर्ज किए गए, जो अकेले दिल्ली में सबसे अधिक हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि चोरी की घटनाओं में वृद्धि का एक कारण ऑनलाइन ई-एफआईआर (E-FIR) की सुविधा भी है। एक अधिकारी ने बताया, “कभी-कभी अन्य राज्यों के लोग भी ऑनलाइन चोरी या MV एक्ट के मामले दर्ज कराते हैं, जिससे संख्या बढ़ जाती है। ऑनलाइन एफआईआर करना आसान और सुलभ है।”

वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ बढ़े क्राइम

रिष्ठ नागरिकों के खिलाफ अपराध बढ़कर 1,361 मामले हो गए, जबकि 2022 में यह संख्या 1,313 थी। दिल्ली पुलिस ने इस दिशा में हर थाने में वरिष्ठ नागरिक प्रकोष्ठ स्थापित किया है। यह प्रकोष्ठ अकेले रहने वाले बुजुर्गों की सुरक्षा और शिकायतों की जांच करता है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, प्रकोष्ठ केवल साप्ताहिक जांच ही नहीं करता, बल्कि बुजुर्गों को उनके जन्मदिन पर बधाई भी देता है, ताकि उनके साथ सामुदायिक जुड़ाव बना रहे और उन्हें सुरक्षा की भावना मिले।

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