संदीप शर्मा, विदिशा। पीडब्ल्यूडी कार्यालय में आरटीआई एक्टिविस्ट और पत्रकार रंजीत सोनी की हत्या का पुलिस ने 24 घंटे के अंदर ही खुलासा कर दिया है। एसपी मोनिका शुक्ला ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में हत्याकांड का खुलासा कर दिया है। उन्होंने बताया कि हत्या में पीडब्ल्यूडी के ठेकेदार जसवंत रघुवंशी, नरेश शर्मा और यश कुमार चौबे शामिल हैं।
इन तीनों ने ही अपने एक अन्य साथी शैलेंद्र पटेल के साथ हत्या के लिए अंकित यादव उर्फ टुन्डा को सुपारी दी थी। बतौर एडवांस 25 हजार रुपए भी दिए थे। साथ ही साथ जसवंत रघुवंशी द्वारा माउजर भी उपलब्ध कराया गया। पिछले 7 दिनों के दौरान आरोपियों ने अंकित को मृतक से आमना सामना भी कराया। उसकी शक्ल दिखाने के साथ घटना से ठीक पहले मृतक की लोकेशन अंकित को बताई गई। आरोपी अंकित ने पीडब्ल्यूडी कार्यालय पहुंचकर पीछे से कनपटी पर गोली मारकर उसे मौत के घाट उतार दिया। पुलिस ने पूछताछ के दौरान जसवंत रघुवंशी और उनके साथियों को गिरफ्तार किया। कड़ी पूछताछ के दौरान अंकित का नाम सामने आया जो हत्या के बाद गांव सिलवानी अपने मामा के घर भाग गया था।
रात में ही उसे सिलवानी से गिरफ्तार किया गया। उसके पास से एक माउजरऔर तीन जिंदा कारतूस भी बरामद हुआ है। पुलिस ने वारदात के कुछ घंटों में ही आरोपियों को पकड़ने वाली पुलिस टीम को इनाम देने की घोषणा की है। एसपी मोनिका शुक्ला ने रुपए के लेन-देन को लेकर हत्या की वजह बताई है। जसवंत रघुवंशी, यश कुमार चौबे को मृतक रंजीत सोनी से कुछ रुपए लेना थे। चेक बाउंस होने के बाद केस कोर्ट में चल रहा था। इसके अलावा बीच में भी दोनों पार्टियों के बीच विवाद हो चुका है। इसी बात को लेकर हत्या का षड्यंत्र रचा गया। पुलिस ने सभी 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
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