नए वक्फ कानून के खिलाफ विवाद अभी भी जारी है. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने मंगलवार को दिल्ली में एक विरोध प्रदर्शन आयोजित किया, जिसमें ‘वक्फ बचाओ अभियान’ के तहत तालकटोरा स्टेडियम में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस प्रदर्शन में इंडियन नेशनल लीग के मोहम्मद सुलेमान भी शामिल हुए, जिन्होंने कहा कि आजादी की दूसरी लड़ाई में सभी को बलिदान देने के लिए तैयार रहना चाहिए. इसके अलावा, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ,एआईएमआईएम प्रवक्ता वारिस पठान ने भी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की.

जमात-ए-इस्लामी हिंद ने नए वक्फ कानून को तुरंत निरस्त करने की मांग की है और लोगों से ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के नेतृत्व में इस कानून के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान का समर्थन करने की अपील की है. वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ मुस्लिम संगठनों ने अपने आंदोलन को और तेज करने की योजना बनाई है. इस संदर्भ में, 24 अप्रैल को दिल्ली के इंडिया इस्लामिक सेंटर में जमात-ए-इस्लामी के कानूनी विंग द्वारा वक्फ बचाओ सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा, जबकि 26 अप्रैल को कोलकाता में मुस्लिम संगठनों द्वारा इसी विषय पर एक सम्मेलन आयोजित किया जाएगा.

इंडियन नेशनल लीग के मोहम्मद सुलेमान ने कहा कि यह संघर्ष केवल मुसलमानों का नहीं, बल्कि उनके अधिकारों का है. इस आंदोलन में पूरा देश एकजुट होगा और एक नई क्रांति का आगाज़ होगा. हमें स्वतंत्रता की इस दूसरी लड़ाई में सब कुछ बलिदान करने के लिए तत्पर रहना चाहिए. इंशाअल्लाह, हमारी विजय निश्चित है. पार्टी का संचालन देश के घोषणा पत्र से नहीं, बल्कि संविधान के अनुसार होना चाहिए. हम संघर्ष करेंगे और इंशाअल्लाह, सफलता भी प्राप्त करेंगे. जिन्होंने इस्लाम को मिटाने की कोशिश की, वे स्वयं समाप्त हो गए. हमें हर चीज़ को बलिदान करने के लिए तैयार रहना चाहिए.

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विरोध प्रदर्शन पर क्या बोले वारिस पठान

एआईएमआईएम के प्रवक्ता वारिस पठान ने वक्फ बिल के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शनों पर अपनी राय व्यक्त की. उन्होंने एबीपी न्यूज के साथ बातचीत में बताया कि नए वक्फ बिल के खिलाफ सभी ने याचिका दायर की है. अब तक विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से आयोजित किए गए हैं, और विरोध करना हमारा संवैधानिक अधिकार है.

87 दिनों तक चलेगा वक्फ बचाओ अभियान

देशभर के मुस्लिम संगठनों ने नए वक्फ बिल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है. AIMPLB ने ‘वक्फ बचाव अभियान’ की शुरुआत की है, जिसका पहला चरण 11 अप्रैल से शुरू होकर 7 जुलाई तक चलेगा. यह अभियान 87 दिनों तक चलेगा, जिसमें वक्फ कानून के खिलाफ 1 करोड़ हस्ताक्षर एकत्रित किए जाएंगे. ये हस्ताक्षर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजे जाएंगे, जिसके बाद अगले चरण की योजना बनाई जाएगी.

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महाराष्ट्र में 27 अप्रैल को मुस्लिम संगठनों का एकत्रीकरण वक्फ कानून के विरोध में होगा. इसके बाद, 30 अप्रैल को देशभर में ‘बत्ती गुल’ कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमें मुस्लिम समुदाय के लोग रात 9 बजे अपने घरों की बिजली बंद करेंगे. एक मई को जमशेदपुर में भी मुस्लिम संगठन इस आंदोलन में भाग लेंगे. वक्फ कानून पर चर्चा के लिए 3 और 4 मई को देवबंद में जमीयत उलेमा-ए-हिंद की कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की जाएगी. अंत में, 7 मई को दिल्ली के रामलीला मैदान में ‘वक्फ बचाओ’ कार्यक्रम में लाखों मुस्लिम समुदाय के लोग और विभिन्न मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधि एकत्रित होंगे.

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ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का ‘वक्फ बचाव अभियान’ 11 अप्रैल से प्रारंभ हुआ, जो 7 जुलाई तक, यानी 87 दिनों तक चलेगा. इस अभियान के तहत वक्फ कानून के खिलाफ 1 करोड़ हस्ताक्षर एकत्रित किए जाएंगे, जिन्हें प्रधानमंत्री मोदी को भेजा जाएगा. इसके बाद अगले चरण की योजना बनाई जाएगी. बोर्ड के अनुसार, यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक वक्फ विधेयक को पूरी तरह से निरस्त नहीं किया जाता. इसे ‘वक्फ बचाओ, संविधान बचाओ’ अभियान का नाम दिया गया है, क्योंकि बोर्ड इसे मुस्लिम समुदाय के संवैधानिक अधिकारों से संबंधित मानता है.