रायपुर- नागरिकता संशोधन कानून CAA को लेकर केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार और बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह की मुस्लिम समाज के साथ होने वाली चर्चा भारी विरोध के बाद रद्द करनी पड़ गई. दरअसल बीजेपी के देशव्यापी अभियान के तहत अल्पसंख्यक मोर्चा ने मुस्लिम समाज के साथ चर्चा का कार्यक्रम रखा था, चर्चा शुरू हो पाती, इससे पहले ही समाज ने जमकर विरोध किया. काले झंडे दिखाए गए. हालात को देखते हुए भारी तादात में पुलिस की तैनाती करनी पड़ी.
बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सलीम राज ने इस चर्चा का आयोजन किया था. मकसद था कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) पर मुस्लिम समाज का समर्थन जुटाया जा सके. साथ ही उन तमाम भ्रांतियों को दूर किया जा सके, जिसे आधार बनाकर आंदोलन चल रहे हैं. केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार के दौरे को देखते हुए कार्यक्रम पूर्व निर्धारित था, लेकिन जैसे ही पूर्व मुख्यमंत्री डाक्टर रमन सिंह के साथ संतोष गंगवार के आने का वक्त हुआ, मुस्लिम समुदाय ने गंभीर आरोप जड़ते हुए अपना विरोध दर्ज कराया. सलीम राज पर टिप्पणी करते हुए समाज ने उन्हें आरएसएस का एजेंट करार दिया. हालांकि इधर सलीम राज ने अपने बयान में यह कहा है कि- नागरिकता संशोधन कानून (CAA) पर आखिर बीजेपी क्या कहना चाहती है? इसे कम से कम एक बार मुस्लिम समाज को सुनना चाहिए था. केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार और पूर्व मुख्यमंत्री डाक्टर रमन सिंह चर्चा के लिए पहुंच पाते, इससे पहले ही विवाद की स्थिति बन गई. मेरे साथ झूमाझटकी की गई. आनन-फानन में कार्यक्रम ही रद्द करना पड़ा.
जानबूझकर अशांति पैदा करना चाहती है सरकार?
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा है कि ये स्वाभाविक है. राज्य की कांग्रेस सरकार जानबूझकर अशांति पैदा करवाना चाहती है. हम वहां चर्चा करने गए थे, अशांति फैलाने नहीं. इसलिए हमने वहां नहीं जाने का निर्णय लिया.
CAA की जरूरत क्यों पड़ी?
इधर जनता कांग्रेस प्रदेश सचिव अकबाल एहमद रिजवी ने कहा कि बीजेपी सवालों का जवाब दे सके, इसके लिए उनका मुंह नहीं है. यह देश को बांटने का षडयंत्र है. एक वर्ग विशेष को अलग रखकर आप देश पर राज नहीं कर पाएंगे. इस कानून को लाने का कोई औचित्य नहीं था. हर काम को चुपके से करते हैं, जैसे धारा 370 हटाया गया. इससे मुसलमानों को समस्या नहीं थी.