लखनऊ. सहारनपुर जिला अदालत द्वारा बेगुनाह बताते हुए रिहा कर दिए गए मुस्लिम युवकों की हिरासत में पिटाई के दोषी पुलिसकर्मीयों की गिरफ्तारी और एसएसपी आकाश तोमर और एसपी राजेश कुमार के निलंबन, पीड़ितों को 20-20 लाख रुपए मुआवजा देने और मामले की न्यायिक जांच कराने की मांग करते हुए अल्पसंख्यक कांग्रेस ने प्रदेश भर से राज्यपाल को ज्ञापन भेजा है.
अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज आलम ने कांग्रेस मुख्यालय से जारी बयान में कहा कि गाज़ियाबाद, मेरठ, संभल, हापुड़, सहारनपुर, आगरा, मुरादाबाद, बिजनौर, रामपुर, इलाहाबाद, अंबेडकरनगर, बाराबंकी, बनारस, पीलीभीत, शाहजहांपुर, मिर्जापुर, जालौन समेत प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर अल्पसंख्यक कांग्रेस के जिला और शहर इकाइयों द्वारा राज्यपाल को ज्ञापन भेजा गया. ज्ञापन के माध्यम से 15 जून को सहारनपुर शहर कोतवाली में 8 मुस्लिम युवकों के पुलिस द्वारा बर्बर पिटाई में शामिल पुलिसकर्मियों को तत्काल गिरफ्तार करने की मांग की गई.
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बता दें कि सहारनपुर एसएसपी आकाश तोमर और एसपी राजेश कुमार ने वीडियो वायरल होने के बावजूद घटना को किसी दूसरे जिले का बता कर नकारने की कोशिश की थी, लेकिन बाद में पीड़ितों के परिजनों द्वारा सवाल उठाने के बाद उन्हें बिना किसी आरोप के जेल भेज दिया. जो 22 दिनों बाद अदालत द्वारा छोड़ दिए गए क्योंकि पुलिस कोई आरोप तय नहीं कर पाई. शाहनवाज आलम ने कहा कि पूरे मामले में एसएसपी और एसपी का आचरण आपराधिक रहा जिन्होंने बिना किसी आरोप के ही बेगुनाहों लोगों को जेल भेज दिया. ऐसे अधिकारीयों के रहते पुलिस की छवि नहीं सुधर सकती. लिहाजा पुलिस का इकबाल बहाल करने के लिए एसएसपी और एसपी दोनों का तत्काल निलंबन किया जाना चाहिए.