मुजफ्फरपुर। मंगलवार को समाहरणालय परिसर में भ्रष्टाचार विरोधी मंच ने बिहार राज्य सेवा संघ से जुड़े कथित भ्रष्टाचार के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि संघ से जुड़े कुछ अधिकारी और कर्मचारी मनमानी कार्यशैली अपनाकर आम जनता का आर्थिक शोषण कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सरकारी तंत्र के कुछ पदाधिकारी जनसेवा के बजाय निजी हितों को प्राथमिकता दे रहे है जिससे गरीबों को गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

जनसंवाद-जनता दरबार कार्यक्रम का समर्थन

मंच ने बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं राजस्व-भूमि सुधार मंत्री विजय कुमार सिन्हा द्वारा संचालित जनसंवाद-जनता दरबार कार्यक्रम का खुला समर्थन किया। इसे अधिकारियों की जवाबदेही तय करने वाला सकारात्मक कदम बताया गया। मंच ने कार्यक्रम के विरोध में जारी पत्र की भाषा पर आपत्ति जताते हुए इसे आचार संहिता का उल्लंघन कहा और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की।

संपत्ति जांच और CDR खंगालने की मांग

प्रदर्शनकारियों ने मांग रखी कि संघ से जुड़े संदिग्ध पदाधिकारियों की चल-अचल संपत्ति की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए। साथ ही भ्रष्टाचार की कड़ियों को उजागर करने के लिए उनके मोबाइल कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) की जांच की भी अपील की गई।

अंचल कार्यालय व्यवस्था सुधार की जरूरत

मंच ने कहा कि कई राजस्व कर्मचारी कार्यक्षेत्र से दूर रहते है जिससे लोगों को छोटे कामों के लिए बार-बार दौड़ना पड़ता है और इसी कारण रिश्वतखोरी बढ़ती है। उन्होंने अनिवार्य आवास व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग उठाई।

आंदोलन को राज्यभर में बढ़ाने की चेतावनी

मंच ने चेतावनी दी कि ठोस कार्रवाई नही हुई तो आंदोलन मुजफ्फरपुर से आगे बढ़ाकर पूरे राज्य में विस्तार दिया जाएगा। सैकड़ों लोगों ने इसमें भाग लेकर भ्रष्टाचार-मुक्त शासन का संकल्प लिया।