Muzaffarpur Rape Murder Case: मुजफ्फरपुर नाबालिग रेप हत्याकांड को लेकर पूरे बिहार में आक्रोश का माहौल है. घटना को लेकर विपक्षी नेता लगातार बिहार सरकार पर हमलावर है. मामले में अब नीतीश सरकार ने एक्शन लिया है. SKMCH की अधीक्षक को पद से हटाया गया है. वहीं, PMCH के प्रभारी उपाधीक्षक को सस्पेंड कर दिया गया है. इसी बीच नेता प्रतिपक्ष एवं राजद नेता तेजस्वी यादव बच्ची के परिवार से मुलाकात करने मुजफ्फरपुर पहुंचे.

इसकी जानकारी तेजस्वी यादव ने X पर पोस्ट कर दी है. उन्होंने लिखा- ”मुजफ्फरपुर जिले के कुढ़नी में बलात्कार के बाद गरीब दलित परिवार की 9 वर्षीय बच्ची की अस्पताल में बेड न मिलने से मौत होने के बाद आज बलात्कार पीड़िता के घर पहुंच पीड़ित परिवार से मुलाकात कर उनके दुःख-दर्द व पीड़ा को महसूस किया एवं दुखद घटना के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर पार्टी की ओर से आर्थिक सहायता राशि प्रदान की.”

”पीड़ित परिवार ने बताया कि पटना के पीएमसीएच में उनके साथ क्या हुआ था और कैसे स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण बच्ची की मौत हो गई. मुजफ्फरपुर से जब पीड़ित बच्ची को रेफर किया गया, तब उसकी रिकवरी हो रही थी. मगर 5000 करोड़ की लागत से बन रहे एशिया के तथाकथित सबसे बड़े अस्पताल में समय पर भर्ती नहीं किया गया, जिससे उसकी जान चली गई.”

”अस्पताल में अलग-अलग वार्डों में उन्हें घुमाया गया. तब तक बच्ची एंबुलेंस में ही रही. एंबुलेंस में ऑक्सीजन खत्म होने लगी. जब अस्पताल वालों से परिजनों ने कहा, तो अस्पताल कर्मचारियों ने 2500 रुपये मांगे. फिर हंगामा हुआ तो बच्ची को एडमिट किया गया. भर्ती करने के बाद भी उसका इलाज शुरू नहीं किया गया. बहुत देर बाद इलाज शुरू हुआ, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी. आखिर में बच्ची ने दम तोड़ दिया.”

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”यह एक मरीज की कहानी नहीं है बल्कि प्रतिदिन PMCH में यही होता है. DK टैक्स गैंग ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ मिलकर एक रिटायर्ड मेडिकल सुपरिटेंडेंट को अवधि विस्तार दे-देकर शताब्दी पूर्व स्थापित प्रतिष्ठित अस्पताल को बर्बाद कर दिया है. मंगल पांडे ने DK Tax के माध्यम से बिहार के स्वास्थ्य विभाग को भ्रष्टाचार की अग्नि में झोंक दिया है.”

गौरतलब है कि बिहार के मुजफ्फरपुर में 26 मई को दरिंदों ने एक 11 वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म किया था. मासूम का दुष्कर्म करने के बाद आरोपियों ने बेरहमी से उसका गला काट दिया था और चाकू से सीना चीर दिया था. मासूम लथपथ हालत में एक पोखर के पास मिली थी. बच्ची को पटना के PMCH में भर्ती कराया गया था, जहां उसने रविवार (01 जून) को पीड़िता ने दम तोड़ दिया. पीडिता को शनिवार (31 मई) को कथित तौर पर अस्पताल में बिस्तर उपलब्ध नहीं होने के कारण आठ घंटे से अधिक समय तक एम्बुलेंस में इंतजार करना पड़ा था.

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