मानसून सत्र में विपक्ष के हंगामे पर केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू ने प्रतिक्रिया दी है। रिजिजू ने शनिवार को कहा कि संसद के दोनों सदनों लोकसभा एवं राज्यसभा की कार्यवाही सुचारु रूप से चलने देने के लिए उन्होंने विपक्ष से बार-बार और लगातार अनुरोध किया लेकिन विपक्षी सदस्यों ने उनकी बात नहीं सुनी। संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि ‘मेरा गला भी बैठ गया देखा। विपक्ष को चिल्ला-चिल्ला कर मैं अनुरोध करता रहा कि बहस होने दीजिए।’

विपक्ष के सवालों का सरकार को जवाब देना होता है-रिजिजू

समाचार एजेंसी ANI के साथ इंटरव्यू में रिजिजू ने कहा कि संसद पर विपक्ष का पूरा हक है। वे सरकार से सवाल पूछते हैं। उन्होंने कहा, ‘सरकार जवाब देने के लिए जवाबदेह है। विपक्ष को सवाल पूछना होता है। जिसे सवाल पूछना है यदि वह सदन से भाग जाएगा तो सरकार क्या करेगी? हम उनसे हंगामा न करने की अपील करते आए हैं। मुझे विपक्ष को बार-बार चिल्ला-चिल्ला कर शांत रहने और हंगामा न करने के लिए कहना पड़ा, इससे मेरा गला बैठ गया।’

मानसून सत्र: देश के लिए सफलता

मानसून सत्र को सफलता और विफलता दोनों बताते हुए केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने कहा, “यह देश के दृष्टिकोण से सफल रहा और विपक्ष के दृष्टिकोण से असफल।” उन्होंने उल्लेख किया कि कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित हुए, जिनमें एक ऐतिहासिक भ्रष्टाचार-रोधी विधेयक भी शामिल है, जिसके दायरे में प्रधानमंत्री तक को लाया गया है। रिजिजू ने कहा, “पीएम मोदी ने इस विधेयक से प्रधानमंत्री को बाहर रखने की सिफारिशों को ठुकरा दिया। उन्होंने कहा, यदि कोई प्रधानमंत्री भ्रष्टाचार करता है तो उसे जेल जाना चाहिए और पद छोड़ना चाहिए। ऐसी पारदर्शिता पर विपक्ष को क्या आपत्ति हो सकती है?”

‘देश इस क्रांतिकारी बिल का स्वागत कर रहा है’

उन्होंने कहा कि कोई भी सरकार खुद को बचाने के लिए विधेयक लाती है. पीएम नरेंद्र मोदी एक ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने सिफारिश के खिलाफ जाकर पीएम को उस श्रेणी में डाल दिया है कि अगर प्रधानमंत्री कोई भ्रष्टाचार भी करता है, तो उसे जेल जाना होगा और अपना पद छोड़ना होगा. मंत्री ने कहा कि कोई भी पद, चाहे वह सीएम हो, पीएम हो या केंद्रीय मंत्री, कानून से ऊपर नहीं हो सकता. उन्होंने कहा कि विपक्ष को क्या आपत्ति है? जबकी देश इस क्रांतिकारी विधेयक का स्वागत कर रहा है.

‘हंगामे के लिए इन लोगों को ऊपर से आदेश दिया गया’

विपक्ष द्वारा प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और गंभीर आपराधिक आरोपों में बंद मंत्रियों को हटाने संबंधी विधेयक को फाड़े जाने पर कहा संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि इन लोगों को ऊपर से आदेश दिया है, उनकी पार्टी के नेताओं ने कहा है कि जाकर कुछ भी करो, हंगामा करो, और सुर्खियां बटोरना है.

सुर्खियों के लिए हंगामा कर रहा विपक्ष

मंत्री ने विपक्षी सांसदों पर जानबूझकर बिल फाड़ने और गृह मंत्री का माइक्रोफोन छीनने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “उन्होंने सारी सीमाएं पार कर दी हैं। उन्हें अपने दल के नेताओं ने आदेश दिया है कि हंगामा करो और सुर्खियां बटोरों।” रिजिजू ने कांग्रेस के दावे को झूठा बताते हुए साफ किया कि सदन में CISF तैनात नहीं थी। “वे हाउस मार्शल थे, CISF नहीं। संसद में आप सेना या CISF को कैसे ला सकते हैं?”

राहुल बोलते-बोलते भटक गए-रिजिजू

रिजिजू ने राहुल गांधी की भी कड़ी आलोचना की और कहा कि वे दिए गए नोट्स पर निर्भर रहते हैं और बीच भाषण में भटक जाते हैं। विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) से जुड़ी टिप्पणियों पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा, “किसी ने उन्हें नोट पकड़ा दिया और वे बोलते-बोलते भटक गए।” उन्होंने आगे कहा, “अगर राहुल गांधी बोल नहीं सकते या बोलना नहीं जानते, तो इसका मतलब यह नहीं कि दूसरों को भी चुप करा दिया जाए।”

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