सत्यपाल सिंह,रायपुर- माय अगला कदम द्वारा अपनी सामाजिक प्रतिबद्धता के तहत पेरेंटिंग वार्ता की चौथी कड़ी का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया. आज जब पिछले सप्ताह में लगभग देश के हर बोर्ड्स के रिजल्ट आ गए हैं. समाचार पत्र व सोशल मीडिया हर तरफ टॉपर्स की कहानियों से भरी पड़ी है. माता-पिता, टीचर्स की अपेक्षाओं ने बच्चों को दवाब में ला दिया है. बच्चे 90 प्रतिशत अंक पाकर भी खुश नहीं है, इस बीच जो बच्चा मनचाहे अंक नहीं ले पाया, उसे अगर कम अंक आये तो उसे एकदम नकारा सिद्ध कर दिया जाता है. उन बच्चों और उनके पेरेन्ट्स के लिए यह कार्यशाला आयोजित की गई.

स्नातक स्तर पर श्रेष्ठ माने जाने वाले संस्थानों में उन्हीं विद्यार्थियों को प्रवेश मिलता है, जिन्होंने 12वीं बोर्ड में बहुत अधिक अंक प्राप्त किए हो अथवा जिन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं में उच्च कोटि का प्रदर्शन किया हो. ऐसी परिस्थिति में जिन विद्यार्थियों को परीक्षा में अपेक्षाकृत कम अंक प्राप्त हुए हैं, उन्हें अपने करियर क्षेत्र के चुनाव को लेकर शंकाए रहती है.

Myaglakadam द्वारा ऐसे बच्चों की सुविधा के लिए एक निःशुल्क कार्यशाला आयोजित की गई. इस कार्यक्रम में प्रसिद्ध कैरियर काउंसलर डॉ वर्षा वरवंडकर एव कैरियर कोच डॉ अजीत वरवंडकर द्वारा यह बताया गया कि कम अंक प्राप्त करने के बावजूद किस तरह अपने करियर का निर्माण किया जा सकता है.

डॉ अजीत वरवंडकर ने बताया कि 80 प्रतिशत विद्यार्थी सर्वोच्च श्रेणी के 20 प्रतिशत महाविद्यालयों में प्रवेश प्राप्त करने में असमर्थ रहते हैं. मगर यह भी सत्य है कि देश में पैदा होने वाली 80 फीसदी नौकरियों में ये ही 80 प्रतिशत विद्यार्थी काबिज होते हैं. भारत में करियर के अनेक विकल्प उपलब्ध है तथा बच्चों एव पालकों को कम अंक प्राप्त होने से परेशान होने की कोई वजह नहीं होनी चाहिए.
यह परिचर्चा 11 मई शनिवार दोपहर 3 से 5 बजे तक सिटी सेंटर मॉल में आयोजित की गई.

डॉ अजित वरवंडकर ने बताया बोर्ड की परीक्षा के अंक जिंदगी का एक हिस्सा है पूरी जिंदगी नहीं, मेहनत करने के बाद भी अंक नहीं आये, तो अपने बच्चे का एवं स्वयं का आत्मावलोकन कीजिये, बोर्ड की परीक्षा का अपना महत्व है, लेकिन आज सभी कैरियर में, उच्च शिक्षा के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करनी पड़ती है. इंजीनियरिंग में जेईई, मेडिकल में नीट, लॉ के लिए क्लेट, बीबीए के लिए मैनेजमेंट एग्जाम, डिजाइनिंग के लिए सबकी अपनी प्रवेश परीक्षाएं है, जो एप्टीट्यूड आधारित है,जिनकी अलग तैयारियां होती है, तो निराश होने की जगह इन परीक्षाओं की अच्छे से तैयारी कीजिए.

टैलेंट बेस्ड करियर में वैसे भी आपका एजुकेशन देखा नहीं जाता, आपकी स्किल देखी जाती है. फोटोग्राफी, डांस, फाइन आर्ट्स, डिज़ाइन, एनीमेशन आदि ऐसे कोर्स है, जिसमें आप अपने हुनर से कैरियर बना सकते हैं. कोई भी संस्थान आपको सिंकदर नहीं बनाता, उनका स्किल और एप्टीट्यूड सफल बनाने में रखता है. पेरेंट्स का बच्चों के कैरियर में बड़ा योगदान होता है, वे बच्चों को दिशा देने का काम कर सकते हैं.

जिनका भाषा में ज्ञान बहुत अच्छा है, वो विदेशी भाषा में कोर्स कर अनुवादक, इन्टरप्रिटर, कंटेंट राइटिंग में कैरियर बना सकते हैं. साथ ही होटल मैनेजमेंट, इवेंट मैनेजमेंट, वेडिंग प्लानर, क्रिएटिव राइटिंग जिसमें आपके हुनर स्किल की जरूरत है.