रायपुर: छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र बॉर्ड और मध्य प्रदेश के कुछ इलाकों में शनिवार देर शाम को आसमान में रहस्यमयी रोशनी दिखाई दी थी. यह रहस्यमयी रोशनी कुछ और नहीं, बल्कि सैटेलाइट थी. वैज्ञानिकों ने इसकी पुष्टि कर दी है. छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में भी इस तरह की रोशनी देखने को मिली थी, जिसे लेकर लोग कई तरह के चर्चाएं कर रहे थे, लेकिन वैज्ञानिकों ने इसे सैटेलाइट का टुकड़ा बताया है.

महाराष्ट्र के चंद्रपुर में इसके कुछ हिस्से मिले हैं. इस घटना के बाद से लोगों के मन में इस रोशनी को लेकर कई सवाल चल रहे थे, क्योंकि जिस तरीके से जलते हुए टुकड़े गिरे वह किसी के लिए भी चौंकाने वाला था.

वहीं इस सैटेलाइन को लेकर अमेरिका के खगोल शास्त्री Jonathan McDowell ने कहा कि मेरा मानना ​​है कि यह एक चीनी रॉकेट चरण की पुन: प्रविष्टि है, चांग झेंग 3 बी सीरियल नंबर Y77 का तीसरा चरण जिसे फरवरी 2021 में लॉन्च किया गया था – इसके अगले एक-एक घंटे में फिर से प्रवेश करने की उम्मीद थी और ट्रैक एक अच्छा मैच है.

सैटेलाइट के कुछ टुकड़े महाराष्ट्र के सिंदेवाही तालुका स्थित लाडबोरी गांव में गिरे हैं. गांव में सैटेलाइट के कई टुकड़े मिले. जांच दल ने इन टुकड़ों की जांच की. प्राथमिक जांच में यह पता चला है कि यह उल्कापिंड नहीं बल्कि सैटेलाइट के टुकड़े हैं. खगोलविदों की एक टीम टुकड़ों को इकट्ठा कर अपने साथ ले गई है.

कई सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने उत्तरी महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के कुछ जिलों में शनिवार शाम आसमान से दहकती हुई अज्ञात वस्तुएं गिरने की सूचना दी थी. इतना ही नहीं सोशल मीडिया पर तरह तरह की बातें भी चल रही थी.

पूर्वी महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले में एक स्थानीय सरकारी अधिकारी ने बताया कि सिंदेवाही तहसील के लाडबोरी गांव में शाम करीब पौने आठ बजे ‘एल्यूमिनियम और स्टील की एक वस्तु’ गिरी.

इस तरह के दृश्य महाराष्ट्र के बुलढाणा, अकोला और जलगांव जिलों में शाम करीब साढ़े सात बजे और पड़ोसी मध्य प्रदेश के बड़वानी, भोपाल, इंदौर, बैतूल और धार जिलों में भी देखने को मिले.

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